सर्दियों में गाजर का परांठा खाओगे तो आलू गोभी को भूल जाओगे, स्वाद के साथ ही स्वास्थ्य को कई लाभ
सर्दियों के मौसम में नाश्ते से लेकर भोजन तक अधिकांश लोग खाने में ऐसी चीजों पर जोर देते हैं, जो शरीर में ज्यादा गर्मी का अहसास कराए। मांसाहारी लोगों के लिए तो अंडा, मीट, मछली इसका विकल्प है, लेकिन शाखाहारी लोगों के लिए भी ऐसी सामग्री की कमी नहीं है, जो शरीर में एनर्जी देगी और स्वादिष्ट भी होगी। अब बात सुबह नाश्ते की की जाए तो सर्दियों में सुबह परांठों को खाना हरएक पसंद करेगा। परांठों में ज्यादातर लोग आलू, गोभी या फिर पनीर, मिक्स वेज व प्याज के परांठों को ही पसंद करते हैं। वहीं, हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाजर का परांठा आपको ऐसा जायका देगा कि आप अभी तक खा रहे आलू, गोभी आदि के परांठों को भूल जाओगे। यही नहीं, जिसे भी आप इसे खाने को दोगे तो वह पहला निवाला मुंह में रखते ही दूसरे की डिमांड करने लगेगा। हम आपको इसे बनाने की विधि बता रहे हैं। साथ ही गाजर के फायदे भी बताएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गाजर का परांठा बनाने के लिए सामग्री
गाजर का परांठा बनाने के लिए आपको दो कप आटा, दो गाजर कद्दूकस किए हुए, अदरक का एक टुकड़ा, जीरा पाउडर आधा चम्मच, एक हरी मिर्च कटी हुई, लाल मिर्च पाउडर आधा चम्मच, धनिया पत्ती एक चम्मच बारीक कटी हुई, नमक स्वादानुसार, अजवाइन एक चौथाई चम्मच, मंगरैला एक चौथाई चम्मच, पानी आवश्यकतानुसार, परांठा सेकने के लिए घी की जरूरत पड़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गाजर का परांठा बनाने की विधि
सबसे पहले गाजर को अच्छी तरह से साफ कर लें और ऊपर की स्किन को छील दें। इससे मिट्टी और गंदगी हट जाएगी। अब गाजर को कद्दूकस कर लें। इसे एक बड़े बाउल में डालें। उसमें आटा डाल दें। इन्हें अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब इसमें मंगरैला, अजवाइन, कटी हुई धनिया पत्ती, हरी मिर्च, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक डाल दें। आप थोड़ा सा तेल भी डाल सकते हैं। ताकि आटा गूंदने के बाद सॉफ्ट हो जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब थोड़ा सा पानी डालकर आटे को मिक्स करें। अच्छी तरह से मिक्स करते हुए आटे को मुलायम गूंद लें। अब कुछ मिनट के लिए सेट होने दें। छोटे-छोटे गोले बना लें। इसे गोलाकर या तिकोने आकार में बेल लें। तवा को गैस चूल्हे पर रखकर गर्म करें। बेले हुए पराठे को तवे पर रखें और दोनों तरफ पलटते हुए सेकें। इसमें तेल लगाएं और गोल्डन ब्राउन हो जाए तो प्लेट में निकाल लें। इस गाजर के परांठे को आप अपनी पसंदीदा सॉस, चटनी के साथ सर्व करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गाजर के फायदे-स्वस्थ दृष्टि
विटामिन ए की कमी से ड्राय आईज नामक बीमारी हो जाती है, जो हमारे सामान्य दृष्टि (नॉर्मल विज़न) को प्रभावित करती है और इससे रतौंधी (नाइट ब्लाइन्डनेस) की समस्या हो जाती है। गाजर में मौजूद ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन नामक एंटी-ऑक्सीडेन्ट भी आँखों की हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं। यह दो प्राकृतिक घटक, आँखों के रेटिना और लेंस को सुरक्षित रखते हैं। द अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में यह बताया गया है कि जो महिलाएँ एक सप्ताह में दो बार गाजर का सेवन करती हैं, उनमें ग्लूकोमा का रिस्क उन महिलाओं की तुलना में 64% कम होता है, जो एक बार भी गाजर का सेवन नहीं करती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वजन कम करने में सहायक
एक स्नैक के रूप में गाजर सबसे हेल्थी स्नैक है। एक कप गाजर में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है, लेकिन इसमें पोषक तत्व होते हैं। ये पोषक तत्व वास्तव में आपको लंबे समय तक भूख महसूस न होने में मदद कर सकते हैं। बदले में आप अपने खाने से जितनी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त करते हैं, उसकी मात्रा कम हो सकती हैं। अगर आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो अपने मील रोटेशन में कुछ गाजर शामिल करने का कोशिश करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
त्वचा संबंधी बीमारियों का निदान
जो लोग त्वचा से संबंधित उत्पादों (प्रोडक्ट) की मदद से अपनी खानपान (डाइट) में सुधार करना चाहते हैं, उनके लिए गाजर एक बढ़िया स्नैक है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि गाजर मुँहासे, डर्मेटाइटिस, मुँहासे, रैश और अन्य त्वचा से संबंधित बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट सामग्री (कंटेंट) के अलावा, उनमें β-कैरोटीन भी होता है। न्यूट्रिशनल फ़ायदों को पूरी तरह से पाने के लिए ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इम्मुनिटी बढ़ाने में मदद
गाजर में मौजूद विटामिन C इम्यून सिस्टम सपोर्ट और उपचार (हीलिंग) बहुत महत्वपूर्ण होता है। सब्ज़ियों में मौजूद विटामिन A भी इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है और म्यूकस मेम्ब्रेन, जो हमारे शरीर से कीटाणुओं (जर्म्स) को दूर करने में मदद करता है, के निर्माण और सुरक्षा (प्रोटेक्शन) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल को रखता है स्वस्थ
कई अध्ययनों से यह साबित हुआ ही कि वजन कम करने के (वैट लॉस) प्लान में गाजर जैसी रंगीन सब्जियों से भरपूर डाइट का सेवन करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज होने की संभावना (चान्सेस) कम हो जाती है। एक डच अध्ययन से यह पता चलता है कि केवल 25 ग्राम नारंगी रंग की गाजर का सेवन करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज की संभावना 32% कम हो सकती है। गाजर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। गाजर में पाया जाने वाले, खनिज (मिनेरल), पोटैशियम, सोडियम के लेवल को संतुलित करने और शरीर से इसे बाहर निकालने में मदद करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पाचन संबंधी लाभ
गाजर में ज्यादा मात्रा में फ़ाइबर और कैरोटिनॉइड होते हैं। यह दोनों ही कम समय (शॉर्ट टर्म) और लंबे समय (लॉन्ग टर्म) वाली पाचन संबंधी स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। कैरोटिनॉइड कोलोन कैंसर के साथ लिंक किया गया है, जिससे यह गाजर के लॉन्ग टर्म वाले स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदों में से एक है। इसके साथ, ऐसा बताया गया है कि हाई-फाइबर वाली डाइट कोलोरेक्टल कैंसर की रिस्क को कम करता है और आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। आमतौर पर मिलने वाली रेगुलर गाजर में आपकी रोज़ाना फाइबर की जरूरत का 5%-7% तक फाइबर हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डायबिटीज़ को करता है नियंत्रित
गाजर में कम मात्रा में प्राकृतिक शर्करा (नैचुरल शुगर) होती है और जब इसे गाजर की फाइबर कंटेन्ट के साथ जोड़ा जाता है तो यह इस सब्जी को एक लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स देती है। जिन खाद्य पदार्थों में कम ग्लाइसेमिक होता है उनमें ब्लड शुगर के बढ़ने की रिस्क को कम करने की संभावना कम होती है, जो डाइबीटीज़ के मरीज़ (पेशेंट) के लिए कम रहना ही बेहतर होता है। ज्यादातर मामलों में गाजर डाइबीटीज़ के मरीजों के लिए सुरक्षित (सेफ) है। इसमें प्राकृतिक मिठास होता है, जिस मिठास को शुगर पेशेंट मिस करते हैं। गाजर जैसे कम शुगर, हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ टाइप II डाइबीटीज़ की रोकथाम में मदद कर सकते हैं। जिन लोगों को पहले से ही डाइबीटीज़ है, उन्हें गाजर से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हड्डियों के लिए फायदेमंद
हालाँकि गाजर में कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन K की बहुत अधिक मात्रा नहीं होती है, फिर भी यह आपके शरीर में इन पोषक तत्वों के योगदान में मदद कर सकता है। ये तीनों पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) स्वस्थ हड्डियों की वृद्धि, विकास और उनकी मरम्मत के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इन विटामिनों और खनिजों (मिनरल्स) की कमी वाले खाने से हड्डियों के घनत्व (डेन्सिटी) में कमी आ सकती है। गाजर को प्राकृतिक, स्वस्थ और संतुलित आहार का एक भाग माना जा सकता है और साथ ही ये आपके शरीर में कैल्शियम तथा हड्डियों को स्वस्थ बनाने वाले दूसरे न्यूट्रिएंट्स के सेवन में योगदान दे सकते हैं।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



