बरसात में उमस भरी गरमी से हो परेशान, अपनाएं ये ट्रिक, घर में कम हो जाएगी उमस

देशभर के कई हिस्सों में मानसून पहुंच गया है। लगातार बारिश के चलते तापमान में गिरावट भी दर्ज की जा रही है। पिछले दिनों की अपेक्षा तापमान घटने के बावजूद बरसात के दिनों में गर्मी ज्यादा महसूस होने लगती है। इसका कारण उमस यानी ह्यूमिडिटी है। जुलाई से लेकर सितंबर तक उमस का ही महीना होता है। घर से बाहर निकलने में टेंपरेचर से दम निकलता है, उपर से उमस के कारण घर में भी पसीना और खुजली से जीना मुहाल हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उमस से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी
स्वास्थ्य के हिसाब से देखें तो उमस और गर्मी के कारण शरीर पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। उमस के कारण हीट स्ट्रोक, ब्रेन डिसोर्डर से लेकर डिप्रेशन तक की समस्या होने लगती है। इसके साथ ही स्किन की समस्या, हार्ट से संबंधित समस्याएं, मूड डिसोर्डर, थकान, लेजीनेस, कंफ्यूजन, बेहोशी, उल्टी और नींद की परेशानी भी उमस और गर्मी के कारण होती है। डिहाइड्रेशन के कारण कभी-कभी तो बेहोश होकर लोग गिर भी जाते हैं। ऐसी स्थिति में जब घर आए तो सुकून मिले, ऐसा नहीं हो पाता है। घर में भी उमस परेशान करने लगती है। ऐसे में हम यहां कुछ ऐसी सिंपल ट्रिक्स बताएंगे, जिनसे आपके घर में ठंडक बनी रहेगी। साथ हीआपको उमस का अहसास नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एयर कूलर भी नहीं करता है काम
गर्मी में शुष्क हवा होती है तो एयर कूलर बेहतर काम करता है। वहीं बरसात के दिनों में एयर कूलर भी कमरे को ठंडा करने की बजाय उसम भरी हवा फेंकता है। एयर कूलर गर्म और शुष्क जलवायु में सबसे अच्छा काम करता है। एयर कूलर का काम वातावरण में पानी के वाष्पीकरण पर निर्भर करता है। इसलिए अधिक पानी के वाष्पीकरण से हवा और अधिक ठंडी होगी, लेकिन वातावरण में हवा की धारण क्षमता की एक सीमा होती है। यदि हवा पहले से ही नम है तो यह अधिक पानी धारण करने में सक्षम नहीं होगा और परिणामस्वरूप हवा एक हद के बाद ठंडी नहीं होगी। यह एक शुष्क मौसम में ठंडी होगी। इसलिए आर्द्रता बढ़ने से कूलर का असर कम होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपना सकते हैं ये तरीका
आजकल इस खामी को दूर करने के लिए आर्द्रता नियंत्रण सुविधा वाले कूलर बन रहे हैं। कई प्रमुख ब्रांड जैसे बजाज और सिम्फनी, नमी को नियंत्रित करने के लिए विशेष सुविधाओं वाले और साथ ही नम तटीय क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाले मॉडल का निर्माण कर रहे हैं। वहीं, यदि आपके पास पुराना कूलर है तो उसम से समय कूलर का वाटर पंप का इस्तेमाल बीच बीच में रोक दें। ऐसे में कमरा ज्यादा ठंडा रहेगा। साथ ही घर में इन बातों का भी ख्याल रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वेंटीलेशन फैन
अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट फोर्ब्स के मुताबिक, यदि घर में उमस ने जीना-मुहाल कर दिया है तो घर का वेंटीलेशन फैन सही करें। किचेन, बाथरूम, टैरेस इत्यादि जगहों पर जहां से गर्मी अंदर आती है, वहां वेंटीलेशन फैन लगाएं। इससे बहुत ज्यादा राहत मिलेगी। एक्जॉस्ट फैन लगाने से रूम में एयर फ्लो बढ़ेगा और ह्यूमिडिटी कम होगी।
प्लांट को बाहर करें
घर में जो आपने प्लांट लगा रखे हैं, उन्हें कुछ समय के लिए बाहर कर दें। होमप्लांट खुद ही मॉइश्चर रिलीज करता है, ऐसे में यदि आपके घर में बहुत ज्यादा इंडोर प्लांट है तो इसे कुछ समय के लिए बाहर कर दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चारकोल का इस्तेमाल करें
चारकोल हवा से नमी को सोख लेता है। इसलिए यदि आपके घर में पहले से कहीं चारकोल मौजूद है तो उसे बढ़ाएं। कुछ टोकरी में चारकोल को घर के किसी कोने में कुछ जगहों पर रख दें। इससे ह्यूमिडिटी का असर कम होगा।
कार्पेट लगाएं
घर में कार्पेट या गलीचा लगाएं. गलीचा नमी को अवशोषित कर लेता है, लेकिन यदि गलीचा से बदबू आ रही है तो इसका मतलब है कि फंगस बहुत हो गया है। जो नमी को और बढ़ा रहा है। इसलिए गलीचे को साफ करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रॉक सॉल्ट
नमी को दूर करने के लिए रॉक सॉल्ट बेहद उपयोगी चीज है। यह नमी को सोख लेता है। इसलिए घर में कुछ जगहों पर रॉक सॉल्ट को बास्केट में लेकर खुला छोड़ दें।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा भी ह्यूमिडिटी को सोखने में उपयोगी है। घर में जहां उमस ज्यादा है, वहां बेकिंग सोडा को बाउल में रखकर ओपन छोड़ दें। हालांकि बेकिंग सोडा का असर छोटे रूम में ज्यादा होगा। बड़े रूम के लिए चारकोल या रॉक सॉल्ट ज्यादा बेहतर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चूने का लेप लगाएं
अगर आप ऊपर के मकान में रहते हैं और छत बहुत ज्यादा गर्म होती है, जिसके चलते पूरा कमरा गर्म हो जाता है तो अपने छत पर एक चूने की परत जरूर लगाएं। इसके लिए बाजार से चुना लेकर आए और इसी रात भर किसी लोहे की बाल्टी में गला दीजिए। अब सुबह इसमें फेविकोल मिलाकर मोटी परत छत पर पोत दीजिए, जैसा कि हम पुताई करते हैं। इसे 24 घंटे तक सूखने दीजिए। इसके बाद इसके ऊपर चूने की 1-2 परत इसी तरह से लगाए, जब तक कि यह मोटा ना हो जाए। इससे आपकी छत गर्म नहीं होगी और घर के तापमान में 6 से 7 डिग्री का फर्क आपको नजर आने लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल करें
यदि आप गर्मियों में अपने घर को ठंडा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह पता नहीं लगा पा रहे हैं कि गरमागरम प्रकाश बल्ब अपराधी क्यों हो सकते हैं। उपयोग में न होने पर लाइट बंद करना सुनिश्चित करें क्योंकि लाइट बल्ब गर्मी पैदा करते हैं और ऊर्जा के बिल में वृद्धि करते हैं। लाइटबल्ब की आपकी पसंद महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है कि यह कितनी गर्मी पैदा कर सकता है। गरमागरम रोशनी गर्मी के रूप में लगभग 90% ऊर्जा खो देती है। इसके बजाय, एलईडी और सीएफएल पर स्विच करें, जो ऊर्जा कुशल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शाम को पानी का छिड़काव करें
अगर आप अपने घर के तापमान को ठंडा रखना चाहते हैं तो सूरज ढ़लने के बाद घर की छत पर ठंडे पानी का छिड़काव करें। इससे ठंडक कमरे तक पहुंचेगी और कमरे का तापमान भी कम होगा। इसी तरह आप अगर ग्राउंड फ्लोर में रहते हैं, तो अपने आंगन पर पानी का छिड़काव करें इससे घर में ठंडी हवा आती है।
खसखस या थर्माकोल शीट का इस्तेमाल करें
गर्मी के दिनों में बाजार में खसखस की शीट्स काफी मिलती है। इसे दरवाजे और खिड़की पर टांग दीजिए और इस पर पानी का छिड़काव करते रहे, इससे रूम का टेंपरेचर कम होगा। इसी तरह से आप थर्माकोल की शीट सभी खिड़की और दरवाजे पर लगा सकते हैं, इससे गर्म हवा का प्रवाह कमरे में नहीं होता है। सबसे बेहतर तो ये है कि र्मोकोल सीलिंग कराओगे तो कमरा काफी ठंडा हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन बातों का भी रखें ख्याल
-क्रॉस वेंटिलेशन रखें, यानी हवा को आने और जाने दें।
-खिड़की के पास भारी-भरकम चीज न रखें।
-दोपहर में खिड़कियां खुली न रखें। इससे 30% गर्माहट घर के अंदर आती है।
-सुबह 5 से 8 और शाम 7 से 10 बजे खिड़कियां जरूर खोलकर रखें।
-खिड़कियों पर मोटे पर्दे या ब्लाइंड्स लगा दें। पर्दे मोटे नहीं हैं तो डबल पर्दे लगा सकते हैं, नए खरीदने की जरूरत नहीं।
-हॉल या डाइनिंग स्पेस पर एक एग्जॉस्ट फैन लगवाएं।
-कांच के बड़े बाउल में पानी भरकर गुलाब की पंखुड़ियां डालें। इसे हॉल या बेडरूम में रखें। फ्रेशनेस बनी रहेगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।