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April 18, 2025

यदि पाइल्स से हो परेशान, शर्माएं नहीं और करें ये उपाय, परेशानी होने लगेगी दूर

पाइल्स या बवासीर यानी बवासीर (Hemorrhoids) एक गंभीर समस्या है। यानी बवासीर (Hemorrhoids) एक गंभीर समस्या है। इस समस्या से आजकल काफी लोग परेशान रहते हैं। खाने-पीने की गलत आदतों और सुस्त जीवनशैली की वजह से बहुत से लोग अक्सर इस रोग से पीड़ित रहते हैं। दरअसल इस रोग की शुरुआत कब्ज से होती है। जब किसी व्यक्ति को हफ्ते भर से ज्यादा कब्ज रहता है, तो पूरे चांस है उसे बवासीर की समस्या भी हो जाए। पाचन तंत्र में गड़बड़ी या कब्ज इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

होने लगती है ये परेशानी
इस बीमारी में मलाशय के भीतरी और बाहरी हिस्से में सूजन आने लगती है। इसकी वजह से मल त्याग करने में दिक्कत होती है और कई बार ब्लीडिंग भी होने लगती है। पाइल्स होने पर आपको डॉक्टर से उचित परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, कई घरेलू उपाय भी हैं, जिनकी मदद से पाइल्स की समस्या का इलाज किया जा सकता है। इन्हीं नुस्खों में कपूर भी शामिल है। आयुर्वेद में कपूर का इस्तेमाल कई बीमारियों का उपचार करने के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसके प्रयोग से पाइल्स में होने वाले दर्द और सूजन से भी राहत मिलेगी। इसके साथ ही कई ऐसे उपाय हैं, जिनको आजमाकर हम इस परेशानी को कम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर के बारे में
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बवासीर क्या है। बवासीर होने पर आपके गुदा और मलाशय की नसों में सूजन पैदा हो जाती है। इसे आपको दर्द, खुजली और कभी-कभी खून बहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बवासीर की सूजन को मस्से भी कहा जाता है। जो मलाशय के बाहर और अंदर दोनों जगह हो सकते हैं। इन मस्सों के फूलने की वजह से आपको मल त्याग के दौरान गंभीर दर्द का सामना करना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर के कारण
बवासीर का सही-सही कारण अभी भी मालूम नहीं है। हालांकि यह पता लगाना मुश्किल है कि बवासीर का सटीक कारण क्या है, लेकिन कई कारक हैं जो बवासीर में योगदान कर सकते हैं। इनमें से हम मुख्य कारण बता रहे हैं।
-पोषण संबंधी कारक (कम फाइबर वाला आहार)
-मल का नियम से त्याग न करना (कब्ज़ या दस्त के कारण)
-नियमित व्यायाम न करना
-इंट्रा-एब्डोमिनल प्रेशर बढ़ना (लंबे समय तक तनाव या गर्भावस्था के कारण)
-आनुवंशिकी (जेनेटिक्स)
-हेमरॉइडल वेन्स में खराब वाल्व होना
-पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन
-देर तक बैठे रहना
-मोटापा
-पालथी मारकर बैठने से भी गंभीर बवासीर होने की संभावना बढ़ सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर के प्रकार
आंतरिक बवासीर: इस प्रकार के बवासीर गुदा गुहा (एनल कैविटी) के अंदर होते हैं, लेकिन अक्सर आपके गुदा से बाहर लटक सकते हैं। इस तरह के बवासीर को और वर्गीकृत किया जा सकता है।
फर्स्ट डिग्री: इस स्थिति में, बवासीर गुदा से बाहर नहीं निकलता है लेकिन उसमें से खून आ सकता है।
सेकेंड डिग्री: यह मल त्याग के दौरान बाहर आता है लेकिन बाद में अंदर चला जाता है।
थर्ड डिग्री: यह कभी-कभी बाहर आता है लेकिन अगर आप इसे धीरे से धक्का देंगे तो यह अंदर चला जाएगा।
फोर्थ डिग्री: वे आंशिक रूप से आपकी गुदा के बाहर होते हैं और उन्हें अंदर नहीं धकेला जा सकता है। अगर गांठ के अंदर खून का थक्का जम जाता है तो वे सूज सकते हैं और उनमें बहुत दर्द हो सकता है।
बाहरी बवासीर: इस प्रकार का बवासीर गुदा नहर (एनल कैनाल) के नीचे गुदा के नज़दीक होता है। अगर गांठ के अंदर खून के थक्के बने हों तो उनमें दर्द हो सकता है।
प्रोलेप्सड बवासीर: आंतरिक और बाहरी बवासीर दोनों ही आगे की ओर बढ़ सकते हैं, जिसका मतलब यह हुआ कि वे गुदा के बाहर फैलते हैं और उभार बनाते हैं। इन बवासीरों से खून निकल सकता है या दर्द हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर के लक्षण
-गुदा वाले हिस्से में खुजली
-गुदा वाले हिस्से में दर्द, खासकर लंबे समय तक बैठे रहने पर
-आपके गुदा वाले हिस्से के पास एक या ज़्यादा सख्त, कोमल गांठ
-आपके मलाशय से खून रिसना। यह शौच के बाद मल, टॉयलेट पेपर या टॉयलेट बाउल में चमकीले लाल खून के रूप में दिखाई देता है।
-मल त्याग करते समय दर्द या दूसरी परेशानी (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर में कपूर के फायदे
कपूर औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो पाइल्स की परेशानियों को दूर करने में मदद करते हैं। यह बवासीर में होने वाली सूजन से राहत दिलाता है। साथ ही, जलन, खुलजी और इन्फेक्शन को भी दूर करता है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो बवासीर के घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। कपूर का इस्तेमाल करने से बवासीर के मस्सों से भी निजात मिल सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर में कपूर का इस्तेमाल
बवासीर की परेशानियों को कम करने के लिए आप कपूर का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए रूई को कपूर के तेल में डुबोकर इसे अपने मलद्वार पर लगाएं। ऐसा करने से बवासीर में होने वाली जलन और सूजन से राहत मिलेगी। साथ ही, मस्सों को खत्म करने में भी मदद मिलेगी।
कपूर और अरंडी का तेल
बवासीर की समस्या दूर करने के लिए आप कपूर और अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 100 ग्राम अरंडी के तेल में एक कपूर की गोली डालकर अच्छी तरह मिलाएं। अब इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें। कुछ देर के बाद इसे पानी से धो दें। इससे बवासीर के मस्सों को सुखाने में मदद मिलेगी। साथ ही, खुजली, जलन और सूजन से भी राहत मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कपूर और गुनगुना पानी
बवासीर में होने वाली सूजन और दर्द को कम करने के लिए कपूर और गुनगुने पानी का घोल फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 कपूर की गोली मिलाकर घोल तैयार कर लें। जब यह थोड़ा ठंडा हो जाए, तो इससे प्रभावित हिस्से की सिकाई करें। इससे दर्द से भी आराम मिलेगा और संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा।
बवासीर की समस्या में कपूर का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, अगर आपकी परेशानी बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
नोटः यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है। ऐसे में यदि समस्या ज्यादा हो तो किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक की सलाह लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बवासीर के लिए घरेलू इलाज
सिट्ज बाथ: गर्म पानी से नहाना, बवासीर के कारण होने वाली जलन को शांत करने में मदद कर सकता है। सिटज़ बाथ इस्तेमाल करने का प्रयास करें। सिट्ज़ बाथ एक ऐसी विधि है जिसमें एक छोटे प्लास्टिक के टब का उपयोग किया जाता है जो टॉयलेट सीट पर फिट हो जाता है ताकि आप प्रभावित हिस्से को बस उसमें डुबो सकें। इस पानी में बीटाडीन का घोल या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए अन्य एंटीसेप्टिक घोल का उपयोग किया जा सकता है।
कोल्ड कंप्रेस
एक बार में कम से कम 15 मिनट तक सूजन से राहत पाने के लिए गुदा वाले हिस्से पर आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस लगाएं। बड़े, दर्द करने वाले बवासीर के लिए ये कोल्ड कंप्रेस दर्द से निपटने का एक बेहद असरदार उपाय हो सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नारियल का तेल
2008 में किए गए शोध के अनुसार, नारियल के तेल में मज़बूत एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन मिटाने वाले) गुण होते हैं जो त्वचा लाल होने और सूजन को कम कर सकते हैं। इसमें एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण होते हैं जो बवासीर के कारण होने वाली परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल (जीवाणु को मारने वाले) गुण भी होते हैं जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वेट वाइप्स
मल त्याग के बाद टॉयलेट पेपर इस्तेमाल करने से मौजूदा बवासीर में जलन हो सकती है। भीगे हुए वाइप्स, और जलन पैदा किए बिना आपको साफ रखने में मदद करते हैं। आप ऐसे वाइप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिनमें एंटी-हेमरॉइड (बवासीर-रोधी) तत्व होते हैं, जैसे कि विच हेज़ल या एलोवेरा।
व्यायाम
बवासीर के लक्षणों को असरदार तरीके से प्रबंधित करने के लिए घर पर व्यायाम करना एक शानदार उपाय हो सकता है। नियमित पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ करना बवासीर के लिए एक लॉन्ग-टर्म सॉल्युशन साबित हो सकता है। अपनी पेल्विक फ्लोर की माँसपेशियों को मज़बूत करने से, बिना ज़्यादा दबाव डाले अपनी आंत को खाली करने में मदद मिल सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तनाव प्रबंधन करना और अच्छी नींद लेना
आराम करने और तनाव को असरदार तरीके से प्रबंधित करने के लिए एक कड़ा प्रयास करने से आंतों को अच्छी आदतें अपनाने में मदद मिलती है। रात में भरपूर नींद लेने से भी पाचन स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने में मदद मिलती है। ऐसा होने पर, आँतों से मल भी आसानी से होकर जा पाता है।
हाइड्रेशन
कहने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन भरपूर पानी और फलों के रस जैसे अन्य स्वस्थ तरल पीने से आपकी आंत कम शुष्क होती है। जब आपका शरीर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड (पानी की कमी न होना) होता है, तो आपका पाचन स्वास्थ्य बेहतर होने लगता है जिससे आपको मल त्याग के दौरान दबाव कम डालना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
बवासीर और कब्ज को तोड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना एक प्रभावी तरीका है। पाइल्स विशेषज्ञ दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। पानी को बवासीर के लिए सबसे अच्छा और सस्ता उपाय माना गया है क्योंकि यह मल को नरम करने में मदद करता है।
ज़्यादा फाइबर वाला आहार
भरपूर मात्रा में अघुलनशील और साथ ही घुलनशील फाइबर वाला संतुलित आहार लेने से आपको नियमित रूप से मलत्याग करने में मदद मिलेगी। अघुलनशील फाइबर आपके मल का वज़न बढ़ाता है, जिससे आपको मल त्यागने के दौरान ज़ोर कम लगाना पड़ता है। फाइबर को आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

टॉयलेट स्टूल का इस्तेमाल करें
पाइल्स होने पर बार-बार टॉयलेट जाने की इच्छा होती है लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। याद रहे आप जितना समय टॉयलेट में बिताएंगे आपको उतनी ज्यादा तकलीफ होगी। इसके अलावा टॉयलेट में हमेशा स्टूल का इस्तेमाल करें ताकि आपको दर्द या बेचैनी न हो।
एलोवेरा जेल
बवासीर के इलाज के लिए एलोवेरा एक प्राकृतिक उपचार है। इसका उपयोग बवासीर से राहत पाने के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। हालांकि बवासीर के लिए एलोवेरा एक अस्थायी घरेलू उपचार है, यह आसानी से उपलब्ध है और बवासीर के लक्षणों को जल्दी ठीक करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एप्सम सॉल्ट और ग्लिसरीन
एक छोटे कटोरे में, 2 बड़े चम्मच ग्लिसरीन को 2 बड़े चम्मच एप्सम सॉल्ट के साथ तब तक मिलाएं, जब तक यह पेस्ट न बन जाए। पेस्ट को पैड पर रखें और इसे सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। 15 से 20 मिनट के लिए पैड को अपनी जगह पर रखें। दर्द कम होने तक हर चार से छह घंटे में दोहराएं।

आइस पैक
बवासीर की सूजन से राहत पाने के लिए गुदा पर आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस लगाएं। बवासीर के लिए कोल्ड कंप्रेस एक अत्यंत प्रभावी उपचार हो सकता है। एक कपड़े या तौलिये के अंदर बर्फ का टुकड़ा लपेट लें। इसे कम से कम 15 मिनट तक प्रभावित हिस्से पर रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉक्टर से मिलने का सही समय
ऊपर बताए गए बवासीर के लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर आपको बिना देरी किए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ये लक्षण कोलोरेक्टल कैंसर जैसी अन्य गंभीर स्थितियों में आम हैं। इसलिए, एक डॉक्टर से इनकी जल्दी पहचान कराना ज़रूरी है। यदि घर पर बवासीर का प्रबंधन करने के 2-4 दिनों के बाद भी भी कोई फायदा नहीं मिल रहा है। आपके मलाशय से खून रिस रहा है। आपको बहुत दर्द हो रहा है। फिर देरी किए बगैर चिकित्सक से मिलें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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