ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा, भाषण या हकीकत, अब रेलवे में हुआ तेल का खेल, करोड़ों के डीजल का घोटाला
देश में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी जी का बयान की याद को दिलाने की जरूरत है। जब वह कहते थे कि 70 तक देश में भ्रष्टाचार हुआ। देश को लूटा गया है। ना खाऊंगा और अब ना खाने दूंगा। इसके बावजूद ऐसे राज्यों में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जहां बीजेपी की सरकार है। पीएम मोदी इन मामलों में चुप्पी साधे हुए हैं। यही नहीं, कर्नाटक चुनाव में तो कांग्रेस ने मुद्दा वहां की बीजेपी सरकार में 40 फीसद कमीशन को भी बनाया है। एक ठेकेदार ने कमीशन को लेकर पीएम को चिट्ठी भी लिखी थी, जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उसने आत्महत्या कर ली। यहीं नहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में लोकायुक्त की रेड में बीजेपी विधायक के ठिकानों से करीब आठ करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ था। उत्तराखंड में भी बीजेपी की सरकार है। यहां भी विधानसभा में भर्ती घोटाला चर्चा में आया। वहीं सरकारी नौकरी की परीक्षा घोटाला सहित कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी हुई। इसी तरह अडानी के शेयरों में घोटाला, राफेल खरीद घोटाला सहित कई मामलों में विपक्ष आवाज उठाता रहे, लेकिन ये चुनावी मुद्दा नहीं बन पाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय रेलवे में घोटाला उजागर
अब भारतीय रेलवे में हाई स्पीड डीजल की खरीद में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सतर्कता विभाग की विजिलेंस टीम की एक रुटीन जांच में सामने आया है कि भारतीय रेलवे की ओर से राष्ट्रीय तेल कंपनियों से हाई स्पीड डीजल की खरीद में गड़बड़ी पाई गई है। द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट में रेलवे के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे की ओर से हाई स्पीड डीजल खरीद के एक ऑडिट में जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 243 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भुगतान का पता चला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जारी किया गया अलर्ट
जांच करने वाली टीम ने इस अनियमितता के बारे में रेलवे बोर्ड को जानकारी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, तेल कंपनियों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली के लिए उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के प्रमुख वित्तीय सलाहकार को निर्देशित किया गया है। सतर्कता विभाग ने अन्य जोनों से यह जांचने के लिए कहा है कि क्या उनकी तरफ से भी ऐसा कोई अतिरिक्त भुगतान किया गया है. इसके साथ ही सतर्कता विभाग ने भविष्य में ऐसी अनियमितताओं से बचने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने का आग्रह भी किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सवालों के घेरे में आया भुगतान
विजिलेंस टीम की ओर से भुगतान जांच के दायरे में जारी अलर्ट के बाद भारतीय रेलवे के 16 जोन में राष्ट्रीय तेल कंपनियों को किए गए भुगतान सवालों के घेरे में आ गए हैं। रिपोर्ट में रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम तेल कंपनियों को किए गए भुगतान की जांच के लिए एक आंतरिक ऑडिट करेंगे। हमें दूसरे जोन में घोटाले की जानकारी है। रेलवे भारी मात्रा में हाई स्पीड डीजल खरीदता है और यहां तक कि एक छोटा सा बदलाव भी कई करोड़ रुपये में चला जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पांच डिवीजन में चलाई जाती हैं डीजल ईंजन ट्रेन
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे की ओर पांच डिवीजन में डीजल इंजन वाली ट्रेनें चलाई जाती हैं और भारी मात्रा में हाई स्पीड डीजल खरीदी जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने रेलवे बोर्ड को लिखे अपने पक्ष में कहा है कि तेल कंपनियों के बिलों की जांच में पता चला है कि दामों के तौर पर वसूली गई रकम नजदीकी पेट्रोल पंप की कीमतों से 25 से 40 फीसदी तक ज्यादा है। इसी की वजह से रेलवे को मिलने वाले तेल की कीमत असामान्य रूप से बढ़ गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राशि वसूलने का काम होगा जल्द शुरू
पत्र में आगे कहा गया है कि रेलवे बोर्ड के स्तर पर मुद्दों को देखने की जरूरत है, क्योंकि लंबी अवधि के अनुबंधों में प्रवेश करने का मूल उद्देश्य कीमत पर फायदा मिले बिना ही खत्म हो गया है। सतर्कता विभाग की ओर से जारी अलर्ट पर कार्रवाई करते हुए नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के अधिकारियों ने तेल कंपनियों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की राशि वसूलने और बाद के बिलों में शेष राशि को समायोजित करने के लिए कदम उठाए हैं। सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त भुगतान रेलवे बोर्ड के तेल कंपनियों के साथ हुए दर अनुबंध के खंड 12 (ए) के उल्लंघन में किया गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।