अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राजभवन पहुंचे भूख हड़ताली, पुलिस ने किया गिरफ्तार, जयेंद्र रमोला चोटिल
युवा न्याय संघर्ष समिति ऋषिकेश की ओर से अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में वीआइपी का नाम उजागर करने, अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराने, विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विगत 51 दिनों से ऋषिकेश में धरना दिया जा रहा है। पिछले 17 दिनों से धरनास्थल पर अनशन का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। पिछले छह दिनों से आमरण अनशन पर बैठे परवादून कांग्रेस देहरादून के पूर्व अध्यक्ष जयेंद्र रमोला सहित पांचों आंदोलनकारी आज सुबह राजभवन के समक्ष धरना देने पहुंचे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उनका कहना है कि जब सरकार 51 दिनों के बाद भी आंदोलनकारियों तक नहीं पहुंची तो, मजबूर होकर अब आंदोलनकारी ही सरकार के द्वार पर पहुंच गए। राजभवन के समक्ष आंदोलनकारी अनशन पर बैठे, लेकिन कैंट पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड में कांग्रेस भी आंदोलन कर रही है। जगह जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदर्शन का सिलसिला भी जारी है। आज आंदोलनकारियों को जबरन उठाए जाने पर उनकी पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान जयेंद्र रमोला को चोट भी लगी है। बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता कैंट थाने में जुटने लगे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है। चर्चा ये भी रही कि किसी वीआइपी को खुश करने के लिए अंकिता पर नाजायज दबाव बनाया जा रहा था।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।