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September 29, 2025

रोज़ा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए सैकड़ों रोजेदार, रोज़ेदार की दुआ अल्लाहताला कुबूल फरमाते हैं: सूर्यकांत धस्माना

रमज़ान शरीफ के पवित्र महीने में आज चौदहवें रोज़े के दिन शहर के द्रोणपुरी इलाके में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव सुल्तान की ओर से आयोजित रोज़ा इफ्तार पार्टी में सैकड़ों रोजेदारों ने रोज़ा इफ्तार किया।

रमज़ान शरीफ के पवित्र महीने में आज चौदहवें रोज़े के दिन शहर के द्रोणपुरी इलाके में कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव सुल्तान की ओर से आयोजित रोज़ा इफ्तार पार्टी में सैकड़ों रोजेदारों ने रोज़ा इफ्तार किया। नमाज़ अदा की व शहर राज्य व देश में आपसी भाईचारे व सभी की खुशहाली के लिए दुआ की। इस अवसर पर मुख्यातिथि के तौर पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व निवर्तमान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सभी रोज़ेदारों को रमज़ान शरीफ के पवित्र महीने की बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह महीना इबादतों व दुआओं का महीना है। स्वयं अल्लाह ताला ने एक बार हज़रत मूसा से गुफ्तगू में कहा कि इस महीने जो भी व्यक्ति साफ मन से रोज़ा रखता है, उसकी दुआ वे स्वयं कुबूल फरमाते हैं।
धस्माना ने कहा कि रोज़े का मतलब केवल भूखा प्यास रहना नहीं, बल्कि असल में रोज़े का मतलब है इंसान का अपने मन व शरीर के सभी अंगों को बुराइयों से रोकना। बुरा न सोचें , बुरा न करें, बुरी जगह कदम न पड़ें, बुरा न देखें न सुनें न कहें। धस्माना ने कहा कि आज के दौर में समाज में नफ़रतें बांटीं व बोई जा रही हैं, जबकि हर धर्म हमें प्यार व मोहबत करने का संदेश देता है। जिस दिन मुस्लिम समुदाय का रमज़ान शरीफ का महीना शुरू हुआ, उसी दिन हिन्दू धर्मावलंबियों का चैत्र नवरात्र शुरू हुए। जब कल रमज़ान के महीने का दूसरा जुम्मा था, तो ईसाई समुदाय ने गुड फ्राइडे की प्रार्थनाएं की। आज हम सब हनुमान जी की जयंती मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह भारत की विविधता में एकता का उदाहरण है जो हमारी सबसे बड़ी ताकत है। धस्माना ने कार्यक्रम के आयोजक श्री सुल्तान को खजूर खिला कर उनका रोज़ा खुलवाया। इस अवसर पर सत्तोवालीघाटी मस्जिद के इमाम अब्दुल अहमद कासमी ने दुआ करवाई। इस मौके पर जगपाल शर्मा, इज़हार अहमद, अलाउद्दीन, कानुज दत्त शर्मा, फरहान, हसीन अहमद, अल्ताफ अहमद समेत बड़ी संख्या में रोज़ेदार शामिल रहे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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