चारधाम यात्रा में प्रतिबंधों से नाराज होटल व्यवसायी, 27 सितंबर को गुप्तकाशी में करेंगे प्रदर्शन, आज पहुंचे कुल 1926 यात्री
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू कर दी गई है। इसके बावजूद निर्धारित संख्या के अनुरूप भी यात्री नहीं पहुंच रहे हैं। यात्रियों की संख्या में कमी को होटल व्यवसायी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को बता रहे हैं।

होटल व्यवसाइयों का कहना है पहले कोविड का हवाला देकर यात्रा बंद थी। सरकार ने कोर्ट में समय पर पैरवी नहीं की। इससे यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारियों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी। साथ ही ट्रांसपोर्ट और अन्य माध्यम से यात्रा से जुड़े लोग भी बेरोजगार हो गए। केदारधाम होटल ओनर्स एसोसिएशन लम्बे समय से शासन-प्रशासन से चारधाम यात्रा सुचारु करने की मांग करती आ रही थी। अब सरकार ने सीमित प्रतिबंध के साथ यात्रा शुरू कर दी। इसके तहत केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए ई-पास की अनिवार्यता है।
ऐसे में यात्रियों को बिना दर्शन कर आधे रास्तों से वापिस भेजा जा रहा है। इसका पूर्ण प्रभाव चारधाम यात्रा पर आश्रित व्यवसायियों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई आ जाता है तो उसका हाथोंहाथ रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। यात्रियों को वापस लौटाने से गलत संदेश देश भर में फैलेगा। सरकार की इस नीति के विरोध में अब श्री केदार धाम होटल ओनर्स एसोसिएशन एवं चारधाम यात्रा पर आश्रित व्यवसायी दिनांक 27 सितंबर को सम्पूर्ण केदारघाटी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही बाजार बंद रखेंगे। उन्होंने चारधाम यात्रा पर लगाए ई-पास के प्रतिबन्धों को शीघ्र हटाने की मांग की। इस संबंध में होटल व्यवसाइयों और स्थानीय व्यापारियों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को भी भेजा गया है।
निर्धारित तिथि पर यदि कोई नहीं आया तो दूसरे पंजीकृत यात्री को देंगे मौका
उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की ओर से बताया गया है कि उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग की ओर से जारी एसओपी में तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है। चारधाम यात्रा के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in में पंजीकरण जरूरी है। देखने को मिल रहा है कि पंजीकृत तीर्थयात्रियों में से प्रतिदिन कम श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे है। एसओपी के अनुसार एक दिन में श्री बदरीनाथ धाम के लिए 1000 ( एक हजार), श्री केदारनाथ के लिए 800 ( आठ सौ), श्री गंगोत्री के लिए 600 (छ: सौ), श्री यमुनोत्री के लिए 400 (चार सौ) तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति है। इस संख्या से भी कम यात्री आ रहे हैं। वहीं, कई लोग पंजीकरण कराने के बाद धाम नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि एसओपी के अनुसार जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को उत्तराखंड चारधाम नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधामों में दर्शन को जा सकेंगे। इस संबंध में आयुक्त गढ़वाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी को इस आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा गया है।
यात्रा की स्थिति
18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा की स्थिति ये है कि शनिवार 25 सितंबर की शाम तक श्री बदरीनाथ धाम में 460, श्री केदारनाथ धाम में 636, श्री गंगोत्री धाम में 430 और श्री यमुनोत्री धाम में 400 लोग पहुंचे। इस तरह आज के दिन कुल 1926 यात्री इन चारों धाम में पहुंचे। 18 सितंबर से 25 सितंबर तक कुल यात्रियों की संख्या 14670 पहुंच गई है। वहीं, आज हेमकुंड साहिब व लोकपाल तीर्थ में 422 श्रद्धालु पहुंचे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।