Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 26, 2025

75वें जन्मदिन पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को सम्मानित कर सीएम धामी ने किया ‘हमारा लोकनायक’ पुस्तक का किया विमोचन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के 75वें जन्म दिवस के अवसर पर उनका सम्मान कर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हमारा लोकनायक पुस्तक का विमोचन भी किया। पुस्तक में मातृभाषा में 13वीं शताब्दी से लेकर 1962 तक के वीर भड़ों और सेना के जवानों सहित 12 लोकनायकों के दस्तावेज सामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी को विश्व को अलोकित करने वाली पहाड़ की आवाज बताते हुये उनके दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि हमारी देवभूमि वीर भूमि भी है। हमारा इतिहास वीरों की वीरता से भरा है। हमारे वीरों की वीरता का वर्णन लिखित रूप में कम तथा श्रुति परम्परा में ज्यादा रहा है। हमारा लोकनायक पुस्तक के प्रकाशन को शानदार प्रयास बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सदप्रयास हमारी भावी पीढी को राज्य की वीरता एवं साहस की विरासत से परिचित कराने में मददगार होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं। नेगी जी ने गढ़वाल कुमाऊं, जौनसार क्षेत्र ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड की पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नेगी जी अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता से समाज को और बेहतर दिशा देने का कार्य करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को बढावा देने की व्यवस्था है। अपनी भाषा में ऐसे प्रकाशन निश्चित रूप से युवा पीढी को भी लाभान्वित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इतिहास में अनाम रहने वाले वीर महापुरूषों, जिन्हें सम्मान नहीं मिल पाया उन्हें सम्मानित करने के साथ पहचान दिलाने का भी कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि समाज को कुछ देने वालों को ही सदैव याद किया जाता है। हमारे पूर्वजों द्वारा लगाये गये पेड़ों के फल हमें प्राप्त हो रहे है। हम आज पेड़ लगायेंगे तो उनके फलों का उपयोग भावी पीढी करेगी। भावी पीढी

को हम क्या दे सकते हैं यह हमारा भाव होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पुस्तक में कुछ ही लोकनायकों का उल्लेख हो पाया है। हमारा प्रयास हो कि प्रदेश के जितने भी लोकनायक हुए हैं उनकी वीरता का समावेश इसी प्रकार पुस्तक के रूप में किया जाय ताकि युवा पीढी इसमें अपने को जोड सके तथा उन्हें अपनी समृद्ध परम्पराओं की भी जानकारी हो सके। नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का सैट भी भेंट किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पुस्तक के सम्पादक गणेश खुगसाल गणी ने बताया कि हमारा लोकनायक पुस्तिका मातृभाषा गढ़वाली में प्रकाशित है।उत्तराखण्ड का गौरवशाली इतिहास जो लोक गाथाओं में मिलता है । देश, काल और परिस्थिति के अनुसार समाज में समय- समय पर अलग-अलग तरह के नायकों का उदय हुआ है। इन लोक नायकों ने अपने समय में अपनी वीरता/शौर्य से ऐसे उदाहरण पेश किये जो इतिहास का हिस्सा बन गये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पुस्तक में उल्लिखित लोकनायकों गढ़ु सुम्याल,कफ्फू चौहान,माधोसिंह भण्डारी, लोदी रिखोला, तीलू रौतेली, जीतू बगड्वाल, पंथ्या दादा, प्रथम विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी, सबसे युवा विक्टोरिया क्रॉस विजेता गबर सिंह, पेशावर काण्ड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, 84 दिन का अनशन करने वाले शहीद श्रीदेव सुमन, 1962 के युद्ध में नूरानांग का हीरो राइफलमैन जसवन्त सिंह रावत पर केन्द्रित सामग्री एक साथ पुस्तक के रूप में प्रकाशित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लोकनायकों पर केन्द्रित विशेष सामग्री के साथ ही लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी जी द्वारा लिखित ऐतिहासिक बावन गढ़ू को देश गीत भी इस पुस्तक की अमानत है। उन्होंने कहा कि पुस्तक के प्रकाशन में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का भी सराहनीय योगदान रहा है। इस अवसर पर नन्द किशोर हटवाल, विश्वजीत नेगी, देवेश जोशी, बीना बेंजवाल, दिनेश शास्त्री, विपिन बलूनी, ओ.पी बेंजवाल, मनोज इष्टवाल, कीर्ति नवानी के साथ ही बड़ी संख्या में संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page