अग्निपथ को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, सीएपीएफ और असम राइफल्स में मिलेगा 10 फीसद आरक्षण
फिलहाल अर्धसैनिक बलों के पांच विंग सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), शास्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा फोर्स (सीआईएसएफ) में 73,000 से अधिक पद खाली हैं। गृहमंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार असम राइफ्लस में भी कुल 73,219 पद खाली हैं। इनके अलावा केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस में भी 18,124 पद खाली हैं।
सीएपीएफ और असम राइफल्स में आयु सीमा में छूट
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी। थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की थी। गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे। ट्वीट में कहा गया है कि फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 18, 2022
ये है योजना
अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं को सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा, जो अग्निवीर कहलाएंगे। चार साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा, बाकी को एकमुश्त करीब 12 लाख रुपये देकर बाहर कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। सेवानिवृत्त होने वाले युवाओं को ना ही पेंशन का लाभ मिलेगा और ना ही ग्रेच्यूटी आदि का। ऐसे में युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। साथ ही पुराने पेटर्न पर ही सेना में भर्ती की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि-अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा कि- इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
युवाओं को नामंजूर है योजना
आंदोलनरत युवाओं के मुताबिक, उन्हें नई योजना नामंजूर है। ऐसे में पुरानी योजना ही लागू कर दी जाए। एक छात्र ने सवाल पूछते हुए कहा कि इससे क्या फायदा होगा? चार साल के बाद वो हमें सेना से निकाल देंगे? उसके बाद हम क्या करेंगे? छात्रों का कहना है कि सेना में गरीब घर के बच्चे जाते हैं। ना कि किसी नेता या अमीर गरीब के बच्चे। ऐसे में चार बाद जब हमें निकाल दिया जाएगा तो हम क्या करेंगे? हमारे परिवार का क्या होगा? ऐसे में हमारी सरकार में मांग है कि सेना में भर्ती के लिए पुराने पैटर्न को ही लागू किया जाए।
एक साल के लिए नियम में बदलाव, उम्र में छूट
केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एलान किया था कि साल 2022 में भर्ती प्रक्रिया में उम्र सीमा में दो साल की छूट दी जाएगी। यानि इस बार 23 साल तक के छात्र भर्ती प्रकिया के लिए योग्य होंगे। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है। यह आयुसीमा केवल एक बार के लिए ही बढ़ाई गई है। इसके बाद आयुसीमा 21 साल की ही रहेगी। हालांकि, इस छूट के बावजूद छात्र असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाए। उनका मानना है कि इससे युवाओं को कोई फायदा नहीं होने वाला है। विरोध में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा कई राज्यों में आंदोलन कर रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।