एचआईएचटी में मनाया डॉ. स्वामी राम का महासमाधि दिवस, सामाजिक कार्यकर्ता राधा भट्ट को स्वामी राम मानवता पुरस्कार, 35 कर्मचारी भी सम्मानित
देहरादून में एचआईएचटी संस्थापक डॉ. स्वामीराम के 29 वें महासमाधि दिवस पर भव्य आयोजन किया गया। समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता राधा भट्ट को स्वामी राम मानवता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही संस्थान के 35 कर्मचारियों को भी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मनानित किया गया। इस मौके पर इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु आनंदमूर्ति गुरू मां ने कहा कि एचआईएचटी संस्थापक डॉ. स्वामी राम विश्व की धरोहर हैं। स्वामी जी मानवता की सेवा के सच्चे संवाहक रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बुधवार को एचआईएचटी संस्थापक डॉ. स्वामी राम के 29 वें महासमाधि दिवस पर आयोजित समारोह में ऋषि चैतन्य आश्रम की संस्थापक व आध्यात्मिक गुरु आनंदमूर्ति गुरु मां ने कहा कि ‘प्रेम, सेवा व स्मरण’ की मूल भावना के उद्देश्य से डॉ. स्वामी राम ने 1989 में हिमालयन इंस्टिट्यूट की स्थापना की। इसी भावना के उद्देश्य से संस्थान काम कर रहा है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से एक-दूसरे से विचार साझा कर समाज व राष्ट्र की उन्नति में सहयोग देने का आह्वान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समारोह में ट्रस्ट के अध्यक्षीय समिति के सदस्य डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि एचआईएचटी की पहचान गुरुदेव स्वामी राम जी की तपस्थली के रूप में है। स्वामी जी की विचारधारा ‘योगः कर्मसु कौशलम’ के ध्येय के साथ संस्थान सामाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उनके विचारों को आत्मसात कर नव भारत के निर्माण को नया स्वरूप दिया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. धस्माना ने कहा कि डॉ. स्वामी राम ने हमेशा दूसरों की भलाई के लिए कार्य किया। उन्होंने एसआरएचयू युवाओं को स्वरोजगार मॉडल की तरफ प्रोत्साहित कर रही है। राज्य में पलायन मुख्य समस्या है और इसका निदान शिक्षा व स्वरोजगार के माध्यम से किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समारोह में कौसानी के लक्ष्मी आश्रम की अध्यक्ष राधा भट्ट को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया गया। उन्हें गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र और दस लाख रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस दौरान राधा बहन ने कहा कि विज्ञान व अध्यात्म के बल पर सामाजिक सेवा का उच्च उदाहरण स्वामी जी ने दिया। वह हमेशा से समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं और रहेंगे। उनके नाम से सम्मान पाना मेरे लिए गर्व की बात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले स्वामी राम सेंटर में ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन डॉ.स्वामीराम को श्रद्धांजलि दी गयी। धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. विजेंद्र चौहान ने प्रस्तुत किया। इस दौरान स्वामी राम साधक ग्राम के आश्रम प्रमुख स्वामी ऋतवान भारती, कुलपति डॉ. राजेन्द्र डोभाल, डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ. प्रकाश केशवया, डॉ. रेनू धस्माना सहित देश विदेश से स्वामी जी के सैकड़ों अनुयायी भी मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
60 वर्षों से पहाड़ो के मुद्दों की लड़ाई लड़ रही है राधा भट्ट
कौसानी स्थित लक्ष्मी आश्रम की अध्यक्ष राधा भट्ट पिछले 60 वर्षों से उत्तराखंड के पहाड़ों के लिए लड़ रही हैं। राधा बहन का जन्म 16 अक्टूबर 1933 को अल्मोड़ा के धुरका गाँव में हुआ। बचपन से ही शिक्षा के प्रति लगाव के चलते वह 1951 की शुरुआत में गांधी जी परम शिष्या सरला बहन द्वारा कौसानी में स्थापित लक्ष्मी आश्रम में शिक्षिका बनीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद 1957 में भू-दान आंदोलन में भाग लिया और उत्तराखंड से पहली पदयात्रा शुरू की। साथ ही विनोबा भावे के साथ दो लंबी पदयात्राएँ की जिसमें पहली उत्तर प्रदेश में और दूसरी असम में की। 1961 से 1965 तक बोंगाड़ गांव, ग्राम स्वराज, शराब विरोधी आंदोलन, वन संरक्षण, युवा महिला सशक्तिकरण, गाय, बकरी चराने वाली किशोरियों के उत्थान और सर्वाेदय आदि कार्य में व्यस्त रहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, खादी ग्रामोद्योग की गतिविधियों को बढ़ाया। 1975 में 75 दिवसीय लंबी पैदल यात्रा में वन संरक्षण, चिपको आंदोलन, शराब का विरोध और ग्राम स्वराज की स्थापना के लिए लोगों को जागरूक किया। 2006 से 2010 तक राधा बहन ने उत्तराखंड के हिमालय और नदियों का सर्वेक्षण किया। उन्होंने हाईड्रो पावर परियोजनाओं का विरोध किया। राधा बहन ने हिमालय की बेटी किताब भी लिखी है। जिसे जर्मन और डेनिस भाषा में भी प्रकाशित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राधा बहन को गांधीवादी विचारों के प्रसार और उन्हें साकार करने में उनके योगदान के लिए जमनालाल बजाज, गोदावरी गौरव, इंदिरा प्रियदर्शिनी पर्यावरण पुरस्कार, मुनि संतबल पुरस्कार, कुमाऊं गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त उन्हें शांति के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसआरएचयू के उत्कृष्ट कर्मचारी पुरस्कार-2024
बेस्ट टीचर अवॉर्ड- डॉ. एसएस बिष्ट, डॉ. संजय गुप्ता
बेस्ट रिसर्चर अवार्ड- डॉ. गीता भंडारी
बेस्ट क्लिनिशियन अवार्ड– डॉ. रेनू धस्माना
एडमिनिस्ट्रेटिव अवॉर्ड- डॉ. अनिल जुयाल, अमरेन्द्र सिंह, ऋषभ धस्माना
नर्सिंग अवार्ड- विपिन कुमार, शगुफ्ता जहूर, पवन कुमार, कविता जार्ज, अर्जुन सिंह, रजनी एसएम।
बेस्ट पैरा क्लीनिकल अवॉर्ड– चंद्र प्रकाश ममगांई, बलदेव उनियाल, प्रियंका पंत, प्रमोद सिंह।
बेस्ट ऑफिस स्टाफ अवॉर्ड- अमित अग्रवाल, शरद काला, गुरजीत पाल सिंह, सुखविन्दर सिंह, सुधा काला, अवतार कौर सैनी।
बेस्ट सपोर्टिंग स्टाफ अवार्ड– भगवान सिंह, वीरेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह नेगी, वीरेन्द्र सिंह रावत, रघुवीर सिंह मनवाल, बेताल सिंह नेगी, कुलदीप सिंह, शाहिद अहमद
बेस्ट हाउसकीपिंग स्टाफ अवार्ड– सुरेन्द्र, संजय, शिव कुमार, सावित्री को सम्मानित किया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।