भर्ती घोटाले के खिलाफ हजारों युवा उतरे सड़कों पर, पुलिस के निकले पसीने, दून में सचिवालय कूच, सीबीआइ जांच की मांग

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक समेत विधानसभा में बैकडोर से भर्ती मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इसको लेकर युवाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर में सैकड़ों युवा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने प्रदर्शन करते हुए सचिवालय कूच किया। इस दौरान हजारों की संख्या में बेरोजगार युवा शामिल हुए। युवाओं की मांग है कि UKSSSC पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज बेरोजगार युवाओं ने देहरादून के परेड मैदान से लेकर सचिवालय तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान काई राजनीतिक पार्टियों ने भी बेरोजगार युवाओं का समर्थन किया। सचिवालय कूच में कई कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने कहा कि अगर पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच से कोई संतुष्ट होता तो युवा आज सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य नहीं होते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 36 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।