इधर जेल में आर्यन से मिलकर घर लौटे शाहरुख खान, पीछे एनसीबी की टीम पहुंची मन्नत, अनन्या पांडे के घर भी पहुंची टीम
मुंबई क्रूज ड्रेग्स केस में नया अपडेट सामने आया है। फिल्म अभिनेता शाह रुख खान बेटे आर्यन से मिलने जेल गए और मुलाकात कर वापस लौटे। इसी बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक टीम बॉलीवुड अभिनेता शाह रुख खान के घर 'मन्नत' पहुंची।
बताया जा रहा है कि एनसीबी की एक टीम फिल्म अभिनेत्री अनन्या पांडे के घर भी पहुंची है। ड्रेग्स केस में व्हाटसएप चैट में अनन्या का भी नाम सामने आया है। बता दें कि आर्यन खान क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में 2 अक्टूबर से कैद में हैं। बुधवार को सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज की थी, जिसमें उन्होंने व्हाटसऐप चैट का हवाला भी दिया था, जिसमें एक्ट्रेस का नाम भी सामने आया था। वहीं आज अनन्या पांडे के घर पर एनसीबी टीम के पहुंचने की खबर आ गई है।
आर्यन खान की बात करें तो आज उनके पिता शाहरुख खान आर्थर रोड जेल उनसे मिलने पहुंचे थे। दोनों के बीच 15 से 20 मिनट बात हुई। दोनों के बीच एक शीशे की दीवार थी। बातचीत के बाद शाहरुख खान जेल से निकल गए। शाह रुख के घर पहुंची एनसीबी ने सफाई दी कि कुछ कागजी औपचारिकता पूरी करनी थी, इसलिए वहां टीम गई। एनसीबी के अधिकारी ने साफ किया कि ये रेड नहीं है। मन्नत से टीम कुछ देर बाद वापस लौट गई। वहीं, अनन्या पांडे के घर पहुंची टीम ने उन्हें सम्मन जारी किया गया है। उन्हें पूछताछ के लिए एनसीबी ने बुलाया है। उन्हें दो बजे एनसीबी कार्यालय पहुंचने को कहा गया है। आर्यन की न्यायिक हिरासत भी खत्म हो रही है। हाईकोर्ट में आर्यन की जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को होगी।
गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज पर छापेमारी के बाद एनसीबी ने पहले आर्यन और उनके दोस्तों को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया था। अब तक इस मामले में 20 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। आर्यन फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद हैं। कोर्ट का फैसला आने से ठीक पहले इस केस में एक नई जानकारी भी सामने आई।
बताया जा रहा है कि एनसीबी ने कोर्ट में आर्यन के जो ड्रग्स से सम्बंधित वॉट्सऐप चैट सौंपे हैं, उनमें एक नई ऐक्ट्रेस के साथ भी ड्रग्स को लेकर बातचीत है, हालांकि, उस समय ये ऐक्ट्रेस कौन है, इस पर कोई खुलासा नहीं हुआ था। अब हाई कोर्ट में न सिर्फ केस पर नए सिरे से बहस होगी, बल्कि सेशन अदालत की ऑर्डर कॉपी को देखते हुए उन बिंदुओं पर भी गौर करना होगा, जिस कारण कोर्ट ने जमानत नहीं दी गई।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।