चार धाम के साथ हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू, पहले दिन जानिए कितनों ने किए दर्शन, चारधाम आने से पहले पढ़ लें ये नियम

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से हाईकोर्ट का प्रतिबंध हटने के बाद आज से यात्रा आरंभ हो गई है। पहले दिन बदरीनाथ और केदारनाथ में कुल 419 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, हेमकुंड साहिब की यात्रा भी आज से ही शुरू हो गई है। पहले दिन हेमकुंड साहिब 100 श्रद्धालु पहुंचे। हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, राज्य सरकार ने चारों धामों में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को धामों में दर्शन के लिए जाने की अनुमति प्रदान की हुई है। बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में 400 और हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति है। देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण और देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से ई-पास लेकर ही यात्रा की अनुमति दी जा रही है।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के निकट ही हिंदुओं की आस्था के केंद्र लोकपाल लक्ष्मणजी का भी मंदिर है। यहां भी श्रद्धालु दर्शन करते हैं। आपको चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब अगर आपको आना है तो उत्तराखंड के पर्यटन विभाग और चारधाम देवस्थानम बोर्ड की ओर से जारी एसओपी जरूर पढ़ लें। ताकि आपको कोई दिक्कत महसूस न हो।
शासन की एसओपी पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
released sop char dham
इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई, श्री यमुनोत्री धाम के 14 मई, श्री गंगोत्री के धाम के 15 मई को खुल गए थे। कोरोना की वजह से इन धामों में आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की अनुमति नहीं थी। अब यात्रा के डेढ़ से दो महीने का समय शेष है। ऐसे में आज यात्रा शुरू होने के पहले दिन श्री बदरीनाथ धाम में 335, श्री केदारनाथ धाम में 84 यात्रियों ने दर्शन किए। इन दोनों धामों में यात्रियों की संख्या कुल 419 रही। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में स्थानीय लोगों ने दर्शन किए। वहीं हेमकुंड साहिब में पहले दिन सौ श्रद्धालु पहुंचे।
चारधाम देवस्थानम बोर्ड की एसओपी के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें
ChardhamOrder-17Sep21
गौरतलब है कि गौरतलब है कि कोविड के मामलों में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी व अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जून में चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी। पिछले दिनों हाई कोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 15-16 सितंबर की तिथि नियत कर दी थी। इस मामले में 16 सितंबर को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यात्रा पर रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटाने का फैसला सुनाया।
कोर्ट ने केदारनाथ धाम में 800, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में एक दिन में 400 यात्रियों के जाने की अनुमति दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं कि हर श्रद्धालु और यात्री को कोविड 19 निगेटिव की रिपोर्ट और दो वैक्सीन का प्रमाण पत्र भी साथ लेकर जाना होगा। साथ ही चारों धामों के जिलों में चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिले में आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा गया है। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए कि इन धामों के कुंड में किसी को भी स्थान करने की अनुमति नहीं होगी। इस आदेश के बाद आज शनिवार 18 सितंबर से यात्रा आरंभ कर दी गई।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।