चुंबन की फोटो वायरल होने पर कोविड नियमों के उल्लंघन में फंसे स्वास्थ्य मंत्री, देना पड़ा इस्तीफा
कोरोना के तीन नियमों में एक नियम ये भी है कि शारीरिक दूरी बना कर रखी जाए। इसके बावजूद ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक की ऐसी फोटो वायरल हुई, जिससे शारीरिक दूरी का उल्लंघन होता नजर आया। वह अपनी सहयोगी से गले मिलते और चुंबन लेते नजर आए। उनकी चुंबन लेते हुए फोटो वायरल होने के बाद तूफान खड़ा हो गया। इसे लेकर कोविड नियमों के उल्लंघन का आरोप झेल रहे स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने आखिरकार शनिवार को इस्तीफा दे दिया। हैनकॉक ने अपना त्यागपत्र प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भेज दिया है। हालांकि हैनकॉक कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में माफी मांग चुके हैं, लेकिन यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था।
दरअसल, कुछ दिनों पहले ये खुलासा हुआ था कि हैनकॉक ने अपनी एक सहायक के साथ संबंधों के दौरान कोरोना के नियमों का उल्लंघन किया था। ऐसे में सवाल उठा कि जब कोरोना के संक्रमण को काबू करने के अभियान के अगुवा स्वास्थ्य मंत्री ही पाबंदियों की धज्जियां उड़ा रहे हों तो भला जनता को इसका पालन करने की नसीहत कैसे दी जा सकती है।
हैनकॉक ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि लोगों ने कोरोना नियमों के पालन के लिए काफी कुछ कुर्बानी दी है, लेकिन उन्होंने खुद इस नियमों को तोड़कर उन्हें शर्मसार किया है। ट्विटर पर साझा किये गए वीडियो में हैनकॉक ने कहा कि- मैं प्रधानमंत्री को स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा सौंपने गया थाष। उन्होंने कहा- मैं समझ सकता हूं कि इस देश में सभी ने बहुत कुछ खोया है और हमारे जैसे लोग जो नियम बनाते हैं, उन्हें इसका पालन करना चाहिए इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले 42 वर्षीय कंजर्वेटिव नेता को सीसीटीवी कैमरा से प्राप्त चित्र में अपने कार्यालय में सांसद जिना कोलाडैंगलो (43) का चुंबन लेते हुए देखा गया था। कोलाडैंगलो हैनकॉक की पुरानी मित्र और सहयोगी हैं। ‘सन’ अखबार ने भी स्वास्थ्य विभाग के एक कार्यालय में हैनकॉक और एक वरिष्ठ सहयोगी को गले मिलती तस्वीरें प्रकाशित की थी। उसने कहा कि सीसीटीवी तस्वीरें लॉकडाउन नियमों में ढील दिये जाने से 11 दिन पहले 6 मई को ली गई थीं। इसके बाद हैनकॉक ने नियमों के उल्लंघन बात स्वीकार की थी।
भारत में तो भीड़ जमा कर रहे हैं नेता
ब्रिटेन में यहां स्वास्थ्य मंत्री को कोविड नियमों के उल्लंघन पर इस्तीफा देना पड़ा। वहीं, भारत में तो राजनीतिक दलों के नेता ही कोरोना के नियमों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के नेता तो ऐसे मामलों में सबसे आगे हैं। हर दिन बैठकों, लोकार्पण, शिलान्यास आदि की तस्वीरें सामने आती हैं। इनमें तो तो शारीरिक दूरी ही नजर आती हैं और कई जगह तो बैठकों में नेताओं के मुंह व नाक मास्क तक से ढके नहीं रहते। वहीं, आम लोगों का कोरोना नियमों के उल्लंघन पर पुलिस चालान जरूर काट देती है। अब उत्तराखंड में ही देखिए। यहां कोविड कर्फ्यू को लेकर जारी गाइडलाइन के मुताबिक, राजनीतिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। वहीं, आज 27 जून में भाजपा नैनीताल जिले के रामनगर में चिंतन शिविर आयोजित कर रही है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के नेता सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
यही फर्क है हमारे नेताओं में व बाकी देशों के नेताओं में