बिजली मुफ्त देने वाला हरीश रावत का बयान हास्यास्पद, सत्ता में वापसी के लिए बेचैन कांग्रेस अब जनता को भ्रमित करने पर उतरी
भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के दिल्ली में केजरीवाल फार्मूले की नकल करते हुए उत्तराखंड में मुफ्त बिजली और पानी देने की घोषणा और भाजपा पर अभिव्यक्ति पर प्रहार के बयानों को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं की सत्ता को लेकर छटपटाहट और बौखलाहट का प्रमाण है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया में तीन पोस्ट डाली थी। इसमें एक पोस्ट में उन्होंने प्रदेश में दो सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी की बात कही थी। वहीं, दूसरी पोस्ट में भाजपा नेताओं पर कटाक्ष किया था। इन बयानों पर भाजपा ने पलटवार किया है।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के फार्मूले पर लोगों को मुफ्त बिजली और पानी देने के बयान पर टिप्पणी की। कहा कि अब कांग्रेस नेता सत्ता प्राप्त करने के लिए इतने बेचैन हो गए हैं कि अब वह अरविंद केजरीवाल का अनुसरण करते हुए उत्तराखंड की जनता को भ्रमित करने व कच्चे लालच देने पर उतर आए हैं। उत्तराखंड की जनता कांग्रेस नेताओं के प्रपंच को पूरी तरह समझती है।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस स्वयं सत्ता में थी और रावत मुख्यमंत्री भी थे तो उन्होंने प्रदेश की जनता के हित में कोई कार्य नहीं किया। अब उत्तराखंड में बिल्कुल हाशिए पर आ गई कांग्रेस के नेता सत्ता में वापसी के लिए बेचैनी से हाथ पांव मारते हुए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। ऊपर से बड़ी हैरानी इस बात की भी है कि हरीश रावत कुछ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं कि मानो कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और कांग्रेस सत्ता में आ रही है।
उन्होंने कहा कि जमीनी सच्चाई यह है कि कांग्रेस में भीषण गृह युद्ध चल रहा है और प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलग-अलग भाषा में बयान दे रहे हैं। बयानों में उनके बीच टकराव भी साफ दिखाई दे रहा है। इसके अलावा टुकड़ों टुकड़ों में बंटी कांग्रेस का उत्तराखंड में जनाधार बिल्कुल खिसक चुका है। अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत पिछले विधानसभा चुनाव से भी अधिक बुरी होने वाली है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश के समान उत्तराखंड में कांग्रेस की विश्वसनीयता इतनी गिर चुकी है कि अब उसके नेताओं के किसी वायदे पर कोई विश्वास नहीं करता। कांग्रेस के सहयोगी भी उसका मजाक उड़ा रहे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड की जनता के कांग्रेस को लेकर अनुभव बहुत कड़वे हैं। उन्हें पता है कि बड़ी बड़ी योजनाओं की घोषणा करने वाली कांग्रेस सरकार कोई भी कार्य पूरा नहीं किया। यदि कोई काम हुए तो उनमें भारी भ्रष्टाचार किया गया। इसके अनेकों उदाहरण राज्य की जनता के सामने हैं ।
डॉ. भसीन ने कहा कि श्री हरीश रावत ने काल्पनिक उदाहरण देते कार्टून की आड़ में भाजपा द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार को लेकर जो टिप्पणी की है, वह भी एक मजाक है। बेहतर होता कि वे कोई ठोस उदाहरण देते और उससे पहले वे हाल ही में रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी के साथ किए गए व्यवहार को याद कर लेते तो उचित होता। इसके अलावा सारी दुनिया जानती है कि कांग्रेस ने आपातकाल से लेकर आज तक कई अवसरों पर मीडिया पर बड़े बड़े हमले किए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को छीना।
कांग्रेस के अंदर भी यही स्थिति है और यही वजह है कि राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेताओं को डस्टबिन में डाल दिया गया है। भाजपा ने हमेशा प्रेस की आजादी की लड़ाई लड़ी है, चाहे आपातकाल के समय जनसंघ के रूप में हो या उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के रूप में हो। किंतु कांग्रेस ने हमेशा आवाज को दबाया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।