हरीश रावत बोले-लंबी हो रही उपवासों की लिस्ट, फिर करेंगे सचिवालय से समक्ष उपवास
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत सोशल मीडिया में समय समय पर अपनी व्यथा, विपक्ष पर हमले करने के साथ ही कई मुद्दे उठाते रहते हैं। आज फिर उन्होंने माल्टे की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। साथ ही उत्तराखंड सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित होने पर अब उपवास पर बैठने की चेतावनी भी दी। साथ ही यह भी कहा कि मेरे उपवासों की लिस्ट लंबी होती जा रही है।
हरीश रावत ने फेसबुक और ट्विटर के जरिये आज सीएम और मुख्य सचिव को संबंधित ट्विट किया। ये ट्विट सचिवालय की व्यवस्थाओं को लेकर था। उनका कहना है कि जब कोरोना काल में जब सबकुछ खोला जा रहा है तो सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध क्यों हैं। उन्होंने पोस्ट डाली कि- मेरे उपवासों की लिस्ट भी बहुत लंबी होती जा रही है। मैंने, राज्य के माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जी व मुख्य सचिव ओम प्रकाश जी से अनुरोध किया था कि जब कोरोना काल के दिनों में आपने सब चीज खोल दिया है, तो फिर ये सचिवालय में क्या ऐसा खतरा है कि आप सचिवालय में प्रवेश निषिद्ध बना रखा है। आम आदमी अपने काम के लिए आता है। आपने प्रवेश निषिद्ध कर दिया है। यदि आप इस हफ्ते के आंखिर-आंखिर तक सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं हटाएंगे तो मुझे इसके खिलाफ भी उपवास पर बैठना पड़ेगा।
माल्टे की बेकद्री को लेकर जताई चिंता
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में माल्टे की कुछ फोटो भी शेयर की। इसके साथ ही लिखा कि- माल्टे की बेकद्री से मैं बहुत चिंतित हूं। हमारा माल्टा, संतरा और नींबू बहुत स्वादिष्ट हैं। लोगों से कहा जा रहा है कि आप तीन रुपये किलो नींबू व 7 रुपया किलो माल्टा बेचो। वो भी खरीद केंद्र पर खरीदा जायेगा। जितना मूल्य नहीं मिलेगा उससे ज्यादा ढुलाई लग जायेगी।
उन्होंने आगे लिखा- राज्य सरकार या तो ढुलाई के दाम भी खुद दे। साथ ही ये सुझाव दिया कि- और मेरा सुझाव है कि यदि खरीद मूल्य घोषित भी कर दिया है, तो नींबू व माल्टा पर 2-3 रुपया बोनस प्रति किलो के हिसाब से दीजिये। जिससे कम से कम माल्टा और नींबू पैदा करने वाला काश्तकार कुछ तो राहत महसूस करे और आगे नींबू व माल्टे लगायेगा।
हरीश रावत ने चेताया कि- यदि ऐसा ही हिसाब रहा तो जिन लोगों ने नींबू व माल्टा का पेड़ कहीं लगाया भी होगा, तो उसे भी उखाड़ कर फेंक देंगे। उन्होंने लिखा- और मैं राज्य सरकार को यह भी सुझाव दूंगा कि नींबू, माल्टा व संतरे का जो रस बनाकर के उसकी प्रोसेसिंग करने वाले लोग हैं, उनको भी प्रोत्साहित करिये। ये काम जो लोग कर रहे हैं, उन तक पहुंचिये और उनसे कहिये कि आप खरीदो और सरकार की तरफ से आपको प्रोत्साहन दिया जायेगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।