निशंक के इस्तीफे पर बोले हरीश रावत-मुझे लगा कि जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया, उनमें है अवसर बनाने की क्षमता
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के केंद्रीय शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने को लेकर तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने निशंक को ढाढस बंधाया। साथ ही उनकी योग्यता की तारीफ भी की।
सोशल मीडिया में अपनी पोस्ट के जरिये पूर्व सीएम हरीश रावत एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि- राजनीति में पद आते हैं और पद छिनते भी हैं। मगर कुछ लोगों से पद का छिन जाना, गहरी व्यथा देता है। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जी राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद सुशोभित कर चुके हैं। एक ऐसे व्यक्ति हैं जो ग्रामीण परिवेश से एकदम सामान्य पर्वतीय घर से निकलकर देश के मानव संसाधन मंत्री बने।
हरीश रावत ने आगे लिखा कि-जब वो मानव संसाधन मंत्री बने तब भी मुझे बेहद प्रसन्नता हुई और मैंने अपनी खुशी जाहिर की। क्योंकि उत्तराखंड छोटा राज्य है, अब हमारे लिए राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने वाले गोविंद बल्लभ पंत देना संभव नहीं है, न हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी देना संभव है। मगर निशंक जी मानव संसाधन मंत्री बने, यह एक बड़ी उपलब्धि थी। हम राजनैतिक प्रतिद्वंदी हैं, मुझे हरिद्वार से बेदखल करने के लिए निशंक जी हमेशा प्रयासरत रहे। मगर जिस समय सामूहिक गौरव की बात आती है तो उस समय ये सब बातें व्यक्तिगत राग-द्वेष, झगड़े राजनैतिक प्रतिस्पर्धाएं गौण हो जाती हैं।
हरीश रावत के मुताबिक-जब निशंक जी के इस्तीफे का समाचार आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे कुछ छीन लिया हो। निशंक स्वस्थ रहें और जब यहां तक उन्होंने अवसर बनाया है तो वो आगे भी अवसर बना सकने की क्षमता रखते हैं। इसका मुझे विश्वास है। वो जन्म से ब्राह्मण हैं इसलिए मैं आशीर्वाद तो नहीं दे सकता, मगर मैं इच्छा प्रकट कर सकता हूं कि ऐसा हो।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।