नए साल में हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को दी बधाई, भाजपा की सरकारों को दी नसीहत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नए साल पर प्रदेश वासियों को बधाई दी। अपने आवास पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को जलपान कराया। साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार को कई नसीहत भी दी। उन्होंने इस दौरान देश और प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी की दर पर चिंता व्यक्त भी की।
मसूरी रोड स्थित अपने आवास में पत्रकारों से सवालों के जवाब में हरीश रावत ने कहा कि नए साल में बदले कलेवर के साथ सभी को बधाई। कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। देश में हमारा वक्ता आना चाहिए। जनता समझ रही है सहिष्णु भारत बनाना है तो जुमलेबाजों से हटकर काम करने वालों, सही सोच रखने वाले, सबको साथ लेकर चलने वाली कांग्रेस पार्टी की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि ये लोग लड़खड़ा रहे हैं। कंग्रेस को लड़खड़ाती सरकार के विकल्प के रूप में तैयार करना है। आशा है कि जो नेतृत्व कर रहे हैं, वे सबको जोड़कर 22 के लिए शुभ संकेत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव के लिए भाजपा कुछ भी तैयारी करे, लेकिन अब उसकी हंडिया टूट चुकी है। उनकी हंडिया में कुछ नहीं पक रहा है। भाजपा की हंडिया फूटनी ही फूटनी है। बेरोजगारी राष्ट्रीय मुद्दा है, पार्टी का भी है। अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। किसानों पर मार पड़ रही है। इसका असर उत्तराखंड में भी पड़ रहा है। राज्य को संभालने के लिए समझदारी की जरूरत है।
हरीश रावत ने कहा कि राजा यदि हृदयहीन हो तो राज उसके हाथ से निकलता ही है। केंद्र सरकार ने हृदयहीनता दिखाई। जान हथेली पर रखकर कोरोना संकट पर किसान जान देता है। मोर्चे से हटता नहीं है। 46 किसान जान दे चुके हैं। फिर भी वो मोर्चे पर खड़ा है। केंद्र सरकार को सोचना चाहिए। आप सहमत हो या नहीं। राष्ट्र के रूप में सोचना चाहिए। जो डर शंका है, उस पर समाधान निकालें। राजा हठी नहीं होना चाहिए।
बीते वर्ष के अनुभवों पर की टिप्पणी
हरीश रावत ने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना लाकडाउन, अर्थव्यवस्था का चौपट होना, बेरोजगारी की वृद्धि, देश में देश में अहसहिष्णुता होना, किसान के ऊपर बर्बादी के तीन कानून थापा जाना, सीमा पर चीन दस्तक, आतंकवादक, कश्मीर बहुत सारी चुनौतियां रही हैं। अब हम उम्मीद करते हैं कि 2021 में समाधान निकालकर देश आगे बढ़ेगा। उत्तराखंड में उम्मीद करते हैं कि 21 को वास्तविक रूप में रोजगार वर्ष बनाएं। वास्तव में सर्वाधिक बेरोजगारी उत्तराखंड में है। इसके और बढ़ने की संभावनाएं हैं। इसे लेकर मैं चिंतित हूं।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को राजनीतिक प्रश्न न मानते हुए सबका प्रश्न मानना चाहिए। साथ ही समाधान निकालते हुए राज्य के अंदर जो गिरावट आ रही है उसे दूर करें। एक साल बचा है। सरकार अच्छा काम करे। देश के भीतर सर्वाधिक बेरोजगारी है, कोरोना में मृत्युदर उत्तराखंड में ज्यादा है। इसे सुधारें।
उन्होंने कहा कि देश व समाज को देखना है। राज्य के हिसाब से देखते हैं तो कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। तभी भारतीय लोकतंत्र की मजबूती है। इस समय संसदीय लोकतंत्र में सबसे बडा खतरा है। इससे लोगों को कांग्रेस ही बाहर निकाल सकती है। हम अच्छा कर रहे हैं। शक्ति के साथ काम कर रहे हैं।
नकारात्मक फैसलों का रहा पिछला साल
चौबटिया उद्यान निदेशालय के स्थानांतरण को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय राज्य हित में नहीं है। पिछला साल नकारात्मक फैसलों का वर्ष रहा है। कुछ अच्छे निर्णय किए। हमने कहा शाबाश। अन्यथा सरकार ने हमारे फैसलों को ही पलट दिया। जिस कांसेप्ट को देश के दूसरे राज्य अपना रहे हैं, उसे बंद कर दिया। वर्षा जल संरक्षण को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय योजना के रूप में अपना रहे हैं। मैने जल बोनस योजना शुरू की। उसे बंद कर दिया। मोटा अनाज दुनिया में अपना रहे हैं, उसे प्रोत्साहन बंद कर दिया। 2017 के बाद राज्य सरकार ने नकारात्कमक कदम उठाए हैं। जो राज्य के लिए घातक हैं।
उन्होंने कहा कि परीक्षा ही व्यक्ति को समाज व राज्य को निखारती है। आपदा आई, सब तहस नहस हो गया था। उत्तराखंड ने डेढ़ साल में खुद को संभाल लिया। लोग कहते थे कि नंदा राजजात नहीं हो सकती है, मैने कराई। शानदार अर्धकुंभ किया। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन चुनौती है। कोरोना के साथ कुंभ का आयोजन करें। कुंभ मानवता की धरोहर है। सभ्यता का हिस्सा है। हरीश रावत से न डरो, लेकिन साधु महात्माओं के त्रिशूल से डरो।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
हरीश रावत सशक्त नेता हैं, वे ही उत्तराखण्ड का विकास कर सकते हैं.
यह सरकार संवेदनहीन है. देश में बदलाव जरूरी है.