अल्पसंख्यकों को लेकर हरदा की टिप्पणी तुष्टिकरण का हिस्सा: मनवीर सिंह चौहान

पार्टी मीडिया प्रभारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आज प्रदेश में समान नागरिक कानून को लेकर समिति के ड्राफ्ट पर आम लोगों से सुझाव मागने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में लगता है कांग्रेस ने भी अपनी राय पूर्व सीएम हरीश रावत के सोशल मीडिया पर जारी बयान से जाहिर कर दी है। उन्होने कहा कि आपत्ति इस बात में नहीं है कि कॉंग्रेस पार्टी और उसके नेता प्रदेश में प्रत्येक धर्म के लोगों को एक समान कानूनी अधिकार देने के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि उन्हे एतराज है, यह लोग स्पष्ट नहीं कहते कि वह कॉमन सिविल कोड के खिलाफ हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्व सीएम हरदा की यह टिप्पणी ठीक उसी तरह है जैसे चुनाव के समय बंद दरवाजों में अल्पसंख्यक वोटों के लालच में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वादा करते हैं और विवाद बढ्ने पर बाहर आकर इंकार कर देते हैं। पहले नमाज की छुट्टी करते हैं फिर नुकसान होता देख मुकर जाते हैं। उन्होंने हरीश रावत के इस बयान को मजहबी वकालत वाला बताते हुए कहा कि यदि मदरसे राष्ट्रभक्ति की गारंटी है तो देश के कई हिस्सों में अनेकों मदरसों को आतंकावादी गतिविधियों में लिप्त पाया गया उन्हे क्या माना जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने कहा कि उनके इन विचारों में ही विरोधाभास है, जब वह दुनिया में हिजाब विरोध को धार्मिक आतंरिक मंथन की लहर बताते हैं तो उन्हे इस सबके उलट ठीक उसी समय भारत में हिजाब के पक्ष में आंदोलन होने में मुस्लिम कट्टरपंथियों व तथाकथित छदम धर्मनिरपेक्षवादियों का षड्यंत्र नजर नहीं आता। उन्होने हरदा के बयानों को हरिद्वार लोकसभा में अल्पसंख्यक मतों को लेकर उनकी चुनावी तैयारियों का हिस्सा व प्रदेश में समान नागरिक संहिता के खिलाफ लोगों को बरगलाने वाला बताया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।