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August 3, 2025

ग्राफिक एरा में ‘हैक-ओ-हॉलिक’ प्रतियोगिता, कोडिंग से समाधान तलाशने में टीम कोडरसमा अव्वल, पानी की चुनौतियों पर मंथन

उत्तराखंड के देहरादून में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में 24 घंटे के ‘हैक-ओ-हॉलिक’ हेकाथोंन प्रतियोगिता में कोडकसमा की टीम ने प्रथम स्थान पाकर बाजी मारी, तो वहीं टू स्क्वायर दूसरे और केएस 3 टीम तीसरे स्थान पर रही। बीटेक (सीएस) सेकंड ईयर के अभय जोशी, आदर्श नेगी आदि की टीम कोडकसमा ने उत्तराखंड पर्यटन स्थलों पर आधारित वेबसाइट बनाई। इसमें कोडिंग की मदद से हाई रेजोल्यूशन फोटो और वीडियो आसानी से इसके यूजर देख सकते हैं। टीम ने यूजर फ्रेंडली इंटरफेस का डिजाइन बनाया, जिससे अधिक से अधिक लोग इस तक पहुंच सकते हैं और इसमें यूपीआई पेमेंट का विकल्प भी दिया है। जिससे लोग इको फ्रेंडली और रूरल टूरिज्म टूरिज्म के स्थानीय ऑपरेटरों के साथ वित्तीय लेनदेन कर सकेंग। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीटेक (सीएस) थर्ड ईयर के संस्कार बलूनी, विनय उनियाल आदि की टू स्क्वायर टीम ने महिला सुरक्षा एप बनाया। इस सुरक्षा एप में मोबाइल फोन बंद होने की स्थिति में भी पांच बार उस फोन को हिलाने पर ऐप में दिए गए आपातकालीन फोन नंबरों तक यूजर की लाइव लोकेशन मिल जाएगी जो एप का एक खास फीचर है। कबीर भंडारी, तुषार कुमार आदि की टीम केएस3 ने अपनी कोडिंग की क्षमता दिखाकर नियत समय में सर्च इंजन की वेबसाइट बनाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञात हो कि उत्तराखंड के विकास और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित यह प्रतियोगिता कल शुरू हुई थी। इसमें विश्वविद्यालय के 500 से ज्यादा कंप्यूटर इंजीनियरिंग के छात्र -छात्राओं की 150 टीमें शामिल रही। भावी इंजीनियर कल से विश्वविद्यालय कैंपस में 24 घंटे लगातार अपने कंप्यूटर पर संस्कृति और विकास के साथ-साथ अन्य विषयों से जुड़े अनसुलझे सवालों का कोडिंग की मदद से ऐप्स और वेबसाइट बनाकर समाधान खोजने में जुटे रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के ‘को-डेव’ क्लब की इस प्रतियोगिता के दौरान क्विज, ट्रेजर हंट, पजल्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष दिब्यहश बोरदोलोई, सुशांत चमोली सहित अन्य शिक्षक व छात्र-छात्राये प्रतियोगिता के दौरान उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्राफिक एरा में सतत जल संवर्धन पर कार्यशाला में पानी की चुनौतियों पर मंथन
वहीं, देहरादून में ही ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आज जल संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें पानी के संरक्षण, प्रबंधन और चुनौतियों के लिए उपचार पर मंथन हुआ। आइआइटी रुड़की के डब्ल्यूआरडी एंड एम विभाग के प्रोफेसर डॉ दीपक खरे ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि अगर हमें सतत विकास चाहिए तो जल संरक्षण इसका महत्वपूर्ण घटक है। हम अपनी दिनचर्या मे जाने अनजाने ही पानी की बर्बादी कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1 किलो टमाटर को धोने के लिए के लिए 14 लीटर पानी की बर्बादी होती है। आने वाली पीढ़ी को जल संसाधन बचाने के लिए हमे रेन वाटर हार्वेस्टिंग करनी होगी। वर्षा जल संचय करने की कई पद्धतियां है इसके बारे में समाज को जागरूक करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वाटरलू यूनिवर्सिटी, कनाडा के प्रोफेसर डॉ पंकज गुप्ता ने भूमिगत जल में मिल रहे हानिकारक रसायनों की समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्सेनिक जैसे केमिकल पानी में मिल रहे हैं। जिससे कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। हमें इसके लिए खेती में प्रयोग होने वाले रसायन में बदलाव लाना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किसान जहां एक खेती के लिए कई किलोग्राम पारंपरिक यूरिया का इस्तेमाल करते हैं वहीं अगर किसान माइक्रो यूरिया का इस्तेमाल करें तो 1 किलो माइक्रो यूरिया में उतनी ही फसल प्राप्त कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के प्रोफेसर सोबन सिंह रावत ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में हजारों जल स्रोत ढूंढ कर उनकी जियो टैगिंग हो रही है। जिससे ऑनलाइन ही इन जल स्रोत्रो बारे में जानकारी मिलेगी जिनसे इनके ट्रीटमेंट करने में और सूखे स्रोतों को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि झरनों के पुनरुत्थान और प्रबंधन करने से जल संपदा का संरक्षण होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाला में पंतनगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दीपक कुमार और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रबंधन अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डॉ एमपी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग एवं आईडब्लूआरएस, आईईआई स्टूडेंट चैप्टर्स की आयोजित इस कार्यशाला में सिविल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजीव कुमार, अमित कुमार शर्मा, नितिन मिश्रा के साथ-साथ अन्य फैकेल्टी मेंबर उपस्थित रहे।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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