धूम धाम से मनाई गई गुरु नानक देव जी की जयंती, गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और लंगर का आयोजन
गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व (जयन्ती) को पूरे उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गुरुद्वारों में शबद कीर्तन के साथ ही लंगर का आयोजन किया गया। गुरुद्वारों के बाहर मेले जैसा माहौल नजर आया। सिखों के प्रतीक चिह्न से लेकर अन्य कई वस्तुओं के स्टाल भी कई जगह लगे हुए थे। राजधानी देहरादून में भी गुरुद्वारों में प्रार्थना के साथ ही प्रदेश और देश की खुशहालाी की कामना की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेसकोर्स गुरूद्वारा पहुंचकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने संगत को बधाई दी। उन्होंने लंगर में प्रसाद परोसा। साथ ही गुरुनानक जी के संदेश को जीवन में अपनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर माहरा ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने लिंग, जातीयता और धर्म की परवाह किये बगैर समानता, समावेशिता, निष्पक्षता और सभी के लिए सम्मान की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि धार्मिक कट्टरता में उदित गुरू नानकदेव ने धर्म को उदारता की एक नई परिभाषा दी। उन्होंने अपने सिद्वान्तों के प्रसाद के लिए एक संन्यासी की तरह घर का त्याग कर दिया और लोगों को सत्य और प्रेम का पाठ पढाना आरम्भ कर दिया। उन्होंने जगह-जगह घूमकर तत्कालीन अंधविश्वासों, पाखण्डों आदि का जमकर विरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने गुरुद्वारा साहिब में बैठकर कीर्तन श्रवण किया और संगत को लंगर वितरित करने की सेवा के उपरांत पंगत में बैठकर गुरु का लंगर ग्रहण किया। युनाईटेड खिख फेडरेशन द्वारा आयोजित रक्त दान शिविर में प्रतिभाग कर फेडरेशन की सहराहना करते हुए सभी को शुभकामनायें दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस पुनीत अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी एवं एआईसीसी मीडिया कोर्ऑर्डिनेटर अमरजीत सिंह ने भी प्रदेशवासियों का बधाई एवं शुभकामनायें दी है। इस अवसर पर अभिनव थापर, गीत सेठी, दिग्विजय सिंह आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरुनानक देव जी ने दुनिया को इंसानियत का दिया संदेशः सूर्यकांत धस्माना
गुरुनानक देव 554 वर्ष पूर्व जब भारत की पावित्र भूमि पर अवतरित हुए उस समय भारतीय समाज गैर बराबरी, छुआ छूत, जात पात, अंधविश्वास जैसी सामाजिक कुरीतियों से जकड़ा हुआ था। गुरुनानक देव जी ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय उप महाद्वीप में इन कुरीतियों में उलझे समाज को इंसानियत का संदेश दिया व “एक ही नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौन मंदे” का उदघोष कर लोगों में आपसी वैमनस्य खत्म कर भाई चारे का संदेश दिया। यह बात आज गुरुनानक जयंती के अवसर पर रेस कोर्स गुरुद्वारे में संगतों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बधाई देते हुए कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 554 सालों के छोटे से समय के इतिहास में सिख पंथ ने अपने त्याग तपस्या व बलिदानों से इतिहास में जो विशिष्ट स्थान बनाया है, उसका कोई सानी नहीं। उन्होंने कहा कि दसवें गुरु श्री गुरुगोबिंद सिंह जी ने देश और कौम के लिए जिस तरह अपने चार चार पुत्रों सहित सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उसका उदाहरण किसी धर्म इतिहास में नहीं मिलता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि अगर हम गुरुओं के बताए सद मार्ग में एक कदम भी चलें तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा। इस अवसर पर गुरुद्वारा सिंह सभा की ओर से धस्माना को गुरु का सिरोपा पहना कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान सरदार गुरुबख्श सिंह, उपाध्यक्ष सरदार गुलजार सिंह, सरदार डीएस मान, सरदार गुरदीप सिंह टोनी, सरदार सेवा सिंह मठारू, राजेन्द्र धवन, सरदार अमरजीत सिंह, योगेश गंभीर, दिनेश नागपाल, चरणजीत सिंह नागपाल गुरु की संगतें भी सजे हुए दीवान में उपस्थित थीं। धस्माना ने गुरु के लंगर में प्रसाद वितरण की सेवा में भाग लिया व श्रद्धालुओं को दूध जलेबी व ब्रेड पकौड़े भी वितरित किये।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।