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December 20, 2025

ग्राफिक एरा उठाएगा शहीद के बच्चों की शिक्षा का खर्च, रजिस्ट्रार ने घर जाकर पत्र सौंपा

देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने शहीद हरेंद्र सिंह रावत के बच्चों की पूरी शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की है। आज ग्राफिक एरा की टीम ने शहीद के घर जाकर उनकी पत्नी को इस संबंध में पत्र सौंपा।

देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने शहीद हरेंद्र सिंह रावत के बच्चों की पूरी शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की है। आज ग्राफिक एरा की टीम ने शहीद के घर जाकर उनकी पत्नी को इस संबंध में पत्र सौंपा। राष्ट्रीय रायफल के जांबाज हवलदार हरेन्द्र सिंह रावत ने पिछले दिनों जम्मू काश्मीर में उग्रवादियों के साथ लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनके दोनों बच्चे ग्राफिक एरा ग्लोबल स्कूल में कक्षा पांच और तीन में पढ़ते हैं। शहीद का परिवार अपने गांव से कुछ हफ्ते पहले देहरादून लौटा है।
शहादत की जानकारी पाकर ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने शहीद हवलदार श्री हरेन्द्र सिंह रावत को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पूरा देश इस जांबाज का कृतज्ञ है। समूचा ग्राफिक एरा परिवार शहीद हवलदार श्री हरेन्द्र सिंह रावत के परिवार के साथ खड़ा है। शहीद के सम्मानार्थ उनकी सुपुत्री और सुपुत्र की स्नातक स्तर तक की शिक्षा की पूर्ण व्यवस्था ग्राफिक एरा की ओर से की जाएगी। दोनों बच्चों की पूरी स्कूली शिक्षा निशुल्क होगी। इसके बाद वे दोनों ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी या ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के किसी भी कैम्पस में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर एप्लीकेशन आदि जो कोर्स करना चाहें, पूरा कोर्स उनके लिए निशुल्क होगा।
आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मेजर जनरल (से.नि.) ओपी सोनी ने ग्राफिक एरा की टीम के साथ सोसायटी एरिया में शहीद के घर पहुंच कर उनकी पत्नी श्रीमती लता रावत को इस संबंध में पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि पूरा ग्राफिक एरा परिवार शहीद के परिवार के साथ खड़ा है। ग्राफिक एरा की टीम में निदेशक (इंफ्रा.) प्रो. सुभाष गुप्ता, ग्राफिक एरा ग्लोबल स्कूल की प्रधानाचार्या शालिनी रावत और काजल शामिल थीं। शहीद की पत्नी लता रावत ने ग्राफिक एरा की इस पहल को एक बड़ा सहारा बताते हुए कहा कि डॉ कमल घनशाला ने उन्हें बच्चों की पढ़ाई की सबसे बड़ी चिंता से मुक्त कर दिया है।
गौरतलब है कि देहरादून में निजी शिक्षण संस्थानों की लंबी लिस्ट है, लेकिन कई का सिर्फ पैसे कमाने का ही उद्देश्य रहा है। इनमें सामाजिक सरोकारों में सिर्फ ग्राफिक एरा ही सबसे आगे रहता है। चाहे ओलंपिक में पदक पाने वाले खिलाड़ी हों, या फिर पैरालंपिक के विजेता खिलाड़ी। इन सबके सम्मान में संस्था ने सराहनीय पहल की। शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय ये संस्था हमेशा आगे रही। कोरोनाकाल में भी ग्राफिक एरा ने लोगों की मदद के लिए बढ़चढ़कर भागीदारी निभाई। यही नहीं, कोरोना की दूसरी लहर में दूर दराज के छात्रों को जहाज से उनके शहर पहुंचाया। वहीं, आसपास के छात्रों को बस के जरिये घर पहुंचाया। ग्राफिक एरा की समाजसेवा में की जा रही भागीदारी लगातार जारी है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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