शोध को ग्राफिक एरा का एनआईटी के साथ एमओयू, डॉ वंदना शिवा बोलीं- महिला किसान दिखा सकती हैं परिवर्तन की राह
ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय और एनआईटी श्रीनगर के बीच शोध और अनुसंधानों में साझेदारी के लिए एक करार हुआ। इस करार के तहत ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी छात्र-छात्राएं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, श्रीनगर के साथ शोध क्षेत्र में मिलकर काम कर सकेंगे। साथ ही तीनों संस्थानों में ज्वाइन्ट रिसर्च प्रोजेक्ट, फैकल्टी एक्सचेंज व स्टूडेण्ट्स प्रोग्राम भी इस एमओयू के तहत संभव हो पाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर एनआईटी श्रीनगर के डायरेक्टर प्रो. (डा.) ललित अवस्थी ने कहा कि यह एमओयू ग्राफिक एरा व एनआईटी, श्रीनगर में ज्वाइन्ट रिसर्च प्रोग्राम और टीचिंग लर्निंग प्रोग्राम को बढ़ावा देने के साथ-साथ तीनों संस्थानों में एक अच्छा रिसर्च व टीचिंग लर्निंग एनवायरमेण्ट बनाने में मददगार रहेगा साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों को पढ़ाई के लिए फै्लक्सीबल एनवायरमेण्ट देना चाहती है, इसी को ध्यान में रखते हुए इस एमओयू के तहत छात्र-छात्राएं तीनों संस्थानों के संसाधन इस्तेमाल कर अपनी पसंदीदा स्पेसीलाइजेशन भी कर पाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर ग्राफिक एरा डीम्ड युनिवर्सिटी के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. (डा.) आर. सी. जोशी ने कहा कि शैक्षिणिक संस्थानों के बीच आपसी सहयोग के करार और वहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के लिए एक क्रिएटिव एनवायरमेण्ट पैदा करते हैं और इसमें शामिल संस्थानों के लिए यह विन-विन सिचुएशन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज ग्राफिक एरा में इस एमओयू में एर्नआटी के डायरेक्टर प्रो. ललित अवस्थी, डीन आफ आफेयर्स प्रो. हरिहरन मुथ्थुस्वामी व ग्राफिक एरा के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. आरसी जोशी, प्रो. संजय जसोला व ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के महानिदेशक डा. एच. एन. नागाराजा, रजिस्ट्रार डा. अरविंद धर ने हस्ताक्षर किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिला किसान दिखा सकती है परिवर्तन की राह
देहरादून में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के दूसरे दिन विशेषज्ञो ने पर्यावरण में महिला भागेदारी और कानून व्यवस्था पर चर्चा की। सम्मलेन में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ वंदना शिवा ने पर्यावरण सरंक्षण में महिला किसानों की भूमिका को सराहा। डॉ वंन्दना ने कहा की महिला किसान स्वतंत्र रूप से कार्य करके एक मिसाल बन सकती है और समाज को परिवर्तन की एक नई राह दिखा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यावरणविद् डॉ रीना पंत ने कहा की की पहले समाज में भूमिका तय थी और बदलती समाज की गतिशीलता के साथ जरुरत है की महिला और पुरुष प्रगति के लिए एक दूसरे का साथ देंगे। इस सम्मलेन में ऑनलाइन मोड से जुड़कर क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी की डॉ दिव्या जोशी और अधिवक्ता मयूरी रघुवंशी ने महिलाओ के कानूनी अधिकारों पर प्रस्तुति दी।कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी की डॉ निशा चंद्रन, ऋषिका यादव, ऋचा गुप्ता और छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।