ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का नया सत्र शुरू, परिश्रम से जुड़ी हैं सफलताएं व खुशियां: डॉ घनशाला
देहरादून स्थित ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज का नया सत्र इंडक्शन प्रोग्राम के साथ शुरु हो गया। उत्तराखंड और देश के विभिन्न राज्यों से आये एमबीबीएस के छात्र छात्राओं को आज चिकित्सा व्यवसाय के आदर्शों, अनुशासन और मानवीय मूल्यों का सबक दिया गया। इंडक्शन समारोह में ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि कठिन परिश्रम ही सफलता और खुशियों का मूल मंत्र है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंडक्शन प्रोग्राम का आगाज करते हुए चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि बच्चों की शिक्षा पर होने वाले व्यय के अलावा एक और बड़ा निवेश होता है, माता पिता के सपनों का। माता पिता के सपने बच्चों की सफलता से जुड़े होते हैं। छात्र जीवन में कड़ी मेहनत करके इन्हें पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर जनरेशन के बाद फैमिली का स्टेटस बदल जाता है। बच्चों का परिश्रम और लगन उन्हें सफलता दिलाने के साथ ही देश का गौरव बना सकती है। जिंदगी की खुशियों और सफलताएं परिश्रम से जुड़ी हैं। हर व्यक्ति की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई है। छात्र छात्राओं को अपना शैड्यूल्ड टाइट लग सकता है, लेकिन हर सफल व्यक्ति का शैड्यूल्ड टाइट होता है और कामयाबी मिलने के बाद भी जिंदगी में संघर्ष और चुनौतियां चलते रहते हैं। कठिन परिश्रम का कोई शॉर्ट कट नहीं होता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ घनशाला ने भावी डॉक्टरों को ग्राफिक एरा की स्थापना से लेकर अब दो विश्वविद्यालय, पांच परिसर और 900 बैड्स का अस्पताल व मेडिकल कॉलेज बनने तक की दास्तान सुनाकर आगे बढ़ने व चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की स्थापना में आई चुनौतियों का विवरण देते हुए वर्ष 2017 से 2023 तक के कार्यो की प्रगति की झलक के चित्रों के माध्यम से दिखाई। डॉ घनशाला ने छात्र छात्राओं से नियमित रूप से कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में उपस्थित रहने और अनुशासन पर विशेष रूप से ध्यान देने का आह्वान करते हुए उन्हें सड़क दुर्घटनाओं, नशे और अवांछित साइबर एक्टिविटी से आगाह किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चेयरमैन डॉ घनशाला ने एक गीत सुनाकर नये मेडिकल के छात्र छात्राओं और उनके अभिभावकों को अपने व्यक्तित्व के एक दूसरे पक्ष की झलक भी दिखाई और एक पैगाम भी दिया- “रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पर चलके मिलेंगे साये बहार के…” ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबली कंवेंशन सेंटर में आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम में ग्राफिक एरा अस्पताल के निदेशक डॉ पुनीत त्यागी ने विभिन्न मशीनों और उपकरणों की जानकारी देते हुए भावी डॉक्टरों को बताया कि अस्पताल में दुनिया की सबसे नई टेक्नोलॉजी को अपनाया गया है। बिना सर्जरी हार्ट का वॉल्व बदलने (टावी) में राज्य में ग्राफिक एरा अस्पताल अग्रणी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अस्पताल को टावी के उत्तर भारत के केंद्र के रूप में मान्यता मिली है। देश के ख्याति प्राप्त चिकित्सा संस्थानों से आये सुपर स्पेशलिस्ट इस अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ त्यागी ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई आग का दरिया है, जिसे डूबकर ही पार किया जा सकता है। इसके लिए चयन होने के बाद अब बहुत मेहनत करनी जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज (ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज) का एमबीबीएस का यह दूसरा बैच है। इंडक्शन प्रोग्राम में डीन डॉ एस एल जेठानी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ गुरदीप सिंह झीते और विभिन्न विभागों के अध्यक्ष व फैकल्टी ने शिरकत की। संचालन करते हुए श्री आदित्य अग्निहोत्री ने डॉ कमल घनशाला के जीवन, संघर्ष, समाज के लिए किए गये विशेष कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। नये छात्र छात्राओं ने आज विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण भी किया।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




