दादा का पोती को जींस न पहनने का फरमान, नहीं मानने पर बेटों ने पीटकर कर दी हत्या
17 साल की किशोरी का जींस और टाप पहनना दादा को पसंद नहीं आया। दादा ने ऐसे कपड़े पहनने से मना किया, लेकिन पौती ने नहीं माना। इस पर नाराज दादा ने किशोरी के चाचा को हुक्म दिया और परिवार के लोगों ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। इससे किशोरी की मौत हो गई। यही नहीं घायल होने पर उसे अस्पातल भी नहीं ले गए। मौत के बाद शव को पुल से नीचे फेंका तो ग्रिल में अटक गया। राहगिरों ने जब शव देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी।
ये सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया का है। यहां एक दादा और चाचा ने अपने ही परिवार की 17 वर्षीय बच्ची को इसलिए मार डाला, क्योंकि उसने मना करने के बावजूद जींस पहन ली थी। ये किशोरी लुधियाना में पढ़ रही थी। उसके पिता वहीं नौकरी करते हैं। दादा-चाचा के मना करने के बावजूद इसने जींस और अन्य वेस्टर्न कपड़े पहनने की हिमाकत की थी। वो जब से गांव लौटी थी उस पर लगातर जींस न पहनने का दबाव बनाया जा रहा था। जब लड़की ने बात नहीं मानी तो उसे बुरी तरह पीटा गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि कहना ना मानने पर दादा ने चाचा को पिटाई का हुक्म दिया। इस दौरान लड़की का सिर दीवार से टकरा गया और काफी खून बहाने लगा। लड़की को घायल देखने के बावजूद दादा और चाचा उसे अस्पताल लेकर नहीं गए। कुछ ही देर में लड़की कि मौत हो गई।
पुल से शव फेंका, ग्रिल पर अटक गया
आरोपियों ने लड़की की मौत के बाद पुलिस से बचने के लिए उसके शव को कासिया-पटना राजमार्ग पर पाटनवा पुल से फेंक दिया। शव पुल की ग्रिल पर फंस गया। घंटों तक ये शव वहीं लटका रहा और राहगीरों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस के मुताबिक लुधियाना शिफ्ट होने के बाद लड़की ने जींस और टॉप पहनना शुरू कर दिया था। जब वह अपनी मां के साथ पैतृक गांव लौटी तो चाचा और दादा ने उसे सलवार-सूट दुपट्टे के साथ पहनने के लिए दबाव बनाया। हालांकि लड़की ने उनकी बात नहीं मानी और ज्यादा समय घर के बाहर बिताने लगी।
दादा की हुई गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक लड़की के दादा का नाम हसनैन है और वह पेशे से ऑटो चालक है। हसनैन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि लड़की का चाचा अभी भी फरार है। लड़की की मां ने फिलहाल पुलिस कोई कोई बयान नहीं दिया है। पड़ोसियों ने इस बात की पुष्टि की है कि लड़की के वेस्टर्न कपड़े पहनने को लेकर दादा और चाचा पिछले दिनों काफी नाराज थे और उसके साथ पहले भी मारपीट की गई थी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।