उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण को राज्यपाल की मंजूरी

राजभवन से ज्यादातर विधेयकों को मंजूरी मिल गई, लेकिन महिला क्षैतिज आरक्षण बिल विचाराधीन रहा। राजभवन ने विधेयक को मंजूरी देने से पहले इसका न्याय और विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराया। इस कारण विधेयक को मंजूरी मिलने में एक महीने का समय लग गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों महिला क्षैतिज आरक्षण कानून के जल्द लागू होने के संकेत दिए थे। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल की मंजूरी के साथ विधेयक विधायी विभाग को भेज दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो विधेयकों को नहीं मिली मंजूरी
राजभवन को 14 विधेयक मंजूरी के लिए भेजे गए थे। इनमें से महिला आरक्षण समेत 12 को मंजूरी मिल गई है। जबकि भारतीय स्टांप उत्तराखंड संशोधन विधेयक और हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन से अभी मंजूरी नहीं मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एनडी तिवारी सरकार ने किया था आदेश
राज्य सरकार की नौकरियों में उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार ने 24 जुलाई 2006 को आदेश जारी किया था। याचिकाकर्ताओं ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं के वकील की ओर से कहा गया था राज्य सरकार के पास राज्य के निवास स्थान पर आधारित आरक्षण प्रदान करने की शक्ति नहीं है। भारत का संविधान केवल संसद को अधिवास के आधार पर आरक्षण देने की अनुमति देता है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।