वनाग्नि मामले में सरकार की कार्रवाई अधूरी, आपदा प्रबंधन विभाग पर हो एक्शनः सूर्यकांत धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि वनाग्नि मामले में सरकार की कसरत अधूरी है। सरकार समय रहते नहीं चेती और जंगलों में लगी आग की चपेट में आने से इस बार दस लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही कई झुलस चुके हैं। हाल ही में अल्मोड़ा में आग बुझाने गए चार लोगों की मौत से सरकार की तैयारियों पर सवाल उठने लाजमी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने कहा कि देर से जागी सरकार ने प्रदेश में अब तक की सबसे भीषण वनाग्नी प्रकरण में कुछ वन अधिकारियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदारी का काम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य में फरवरी के महीने में ही मौसम विभाग ने भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी कर दी थी। राज्य के अनेक हिस्सों में मार्च के महीने में ही जंगलों में आग की घटनाएं शुरू हो गई थी। इसके बावजूद वन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग गहरी नींद में सोया रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि नौबत तो यहां तक पहुंची हुई है कि वन विभाग के फील्ड कर्मचारियों को आग बुझाने के उपकरण
उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इसके लिए पर्याप्त पैसा एसडीआरएफ फंड में उपलब्ध था। फिर भी आग बुझाने के लिए फील्ड में आग से लड़ने वाले कर्मचारियों को कोई आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं कराने के परिणामस्वरूप अल्मोड़ा के बिनसर में वन्यजीव अभयारण्य में लगी भीषण आग में चार अमूल्य मानव जीवन आग की बली चढ़ गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि चार महीनों में हजारों हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो गए। सरकार जब नींद से जागी तो उसने केवल वन विभाग के कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। इस राज्य में आपदा प्रबंधन मंत्रालय है। उसका एक मात्र काम आपदाओं से निपटना है। इस काम में यह विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। धस्माना ने कहा कि सरकार को तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।