सिलक्यारा आपदा से सरकार ले सबक, बड़ी परियोजनाओं की हो समीक्षा, विपक्षी दलों और संगठनों ने सीएम को भेजा ज्ञापन
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान आज 14वें दिन भी जारी रहा। अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिल पाई। ऐसे में अब लोगों के सब्र का बांध भी टूट रहा है। विपक्षी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने आज देहरादून के जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इसमें मांग की गई कि सिलक्यारा की घटना से सबक लिया जाए। ऐसे में बड़ी परियोजनाओं की एक बार समीक्षा होनी चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया है कि सिलक्यारा टनल में 14 दिन से मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य हों। साथ ही कहा कि राज्य में हर साल इस प्रकार की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसके परिणामस्वरूप मजदूरों एवं आमजन को अपनी जान गवानी पड़ती है। श्रमिकों का जीवन हर समय जोखिम से भरा रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तर्क दिया गया कि वर्ष 2013 केदारनाथ की त्रासदी, 2020 में जोशीमठ के टनल में 200 मजदूरों का जिन्दा दफन होने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं। इसका सबक हमारी सरकार ने नहीं लिया। निरन्तर त्रासदियों के बावजूद भी पहाड़ों व नदियों के साथ भीमकाय परियोजनाओं के नाम पर छेड़छाड़ की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं हो रही हैं। मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि पहाड़ की पारस्थिति तन्त्र के मद्देनजर ही योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए। इस कार्य में जिम्मेदारी एजेंसियों को ही दी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन देने वालों सीपीआईएम के जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीपीआई के नेता अशोक शर्मा, जेडीएस के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह, आयूपी के अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, एटक से एसएस रजवार, इफ्टा से हरिओम पाली, सीटू से लेखराज, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, पीपुल्स फोरम के संयोजक जयकृत कण्डवाल, पहाड़ी पार्टी के नेता महेंद्र नेगी, भारत सेवक समाज के मंजूर वेग, उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी परिषद के सुरेश कुमार आदि शामिल थे।
ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।