प्राधिकरण में मानचित्र निस्तारण की समय सीमा कम करने पर विचार कर रही सरकारः डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल
उत्तराखंड के जिला विकास प्राधिकरणों में मानचित्र निस्तारण में समयावधि लंबी होने पर आ रही दिक्कतों को देखते हुए अब राज्य सरकार इसके निस्तारण की अवधि को कम करने का विचार कर रही है। साथ ही प्राधिकरण में कार्यरत कार्मिकों पर भी पूरी नजर बनाते हुए कमी पाए जाने पर वेतन तक रोके जाने का मन बना रही है। यह जानकारी प्रदेश के आवास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आवास मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभी तक जिला विकास प्राधिकरणों में एकल आवासीय इकाई व आवासीय मानचित्र के निस्तारण की निर्धारित समय सीमा 15 दिन है। इसे सरकार 07 दिन करने का विचार कर रही है। वहीं, गैर एकल आवासीय इकाई मानचित्र के निस्तारण की निर्धारित समय सीमा 30 दिन है। इसे सरकार 15 दिन करने का मन बना रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभी तक देखा गया है कि प्राधिकरण में कार्यरत कार्मिकों द्वारा मानचित्रों का निस्तारण तय समय सीमा के अंतर्गत नहीं किया जा रहा है, जबकि इस संबंध में कई बार बैठक भी आयोजित की गई। इसके चलते सरकार यह निर्णय लेने पर विचार कर रही है कि प्राधिकरण में ऐसे कार्मिक जो तय अवधि के भीतर निस्तारण नहीं कर रहे है तथा जिनकी पत्रावलियां 50 प्रतिशत से अधिक है और उनका निस्तारण निर्धारित समय सीमा पर नहीं किया गया है। उनका वेतन रोका जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि लापरवाह कर्मचारी के वेतन रोके जाने संबंधी कार्य का दायित्व प्राधिकरण में तैनात वित्त नियंत्रक का होगा, जबकि संबंधित प्राधिकरण का उपाध्यक्ष लापरवाह कर्मचारी को चिह्नित करेंगे। डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि प्राधिकरण में एकल आवासीय इकाई एवं आवासीय मानचित्र तथा गैर एकल आवासीय इकाई मानचित्र का निस्तारण पर अनावश्यक आपत्तियां लगाने वाले कर्मचारी का भी सरकार वेतन रोकने का मन बना रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।