Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 12, 2024

राज्य स्थापना दिवस मना रही सरकार, 22 हजार नौकरियों का दावा, मीडिया ने साधी चुप्पी, भाषणों में हुआ सात हजार

उत्तराखंड के लोगों को आज के दिन के लिए बधाई। बधाई इसलिए कि आज के दिन नौ नवंबर 2000 में राज्य की स्थापना हुई थी और आज 2022 में राज्य को 22 साल पूरे हो चुके हैं। इन 22 सालों में बीजेपी और कांग्रेस ने बारी बारी से राज किया और इस बार बीजेपी दोबारा से फिर सत्ता में आई। ऐसा भी पहली बार हुआ कि जब किसी चुनाव में सत्ता उसी दल को जनता ने सौंपी जो पहले से सत्ता में काबिज ती। आज प्रदेश भर में उत्सव मनाया जा रहा है। सांस्कृतिक से लेकर कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसकी शुरुआत आठ नवंबर की रात को कवि सम्मेलन से हो गई है। यहां हम सिर्फ बात कर रहे हैं, राज्य के युवाओं के मुद्दे पर। ये मुद्दा है नौकरी का। इस मुद्दे को लेकर हम वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान केंद्रित कर कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने ही कहा था कि वह जो कहते हैं, करके दिखाते हैं। इसके बावजूद उनके दो कार्यकाल आए और युवाओं के ये मुद्दा वहीं अटका पड़ा है। इस मुद्दे पर मीडिया ने भी चुप्पी साधी हुई है। वहीं, ताजा आंकड़ों में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर में तीन फीसदी का इजाफा हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

याद करो पहली शपथ का दिन
वर्ष 2021 में जुलाई माह में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। नौकरी की घोषणा करेंगे तो छह माह में पूरी कर दिखाएंगे (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

22 हजार नौकरियों की धामी ने की थी घोषणा
पहली बार शपथ लेते हुए पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि अगले चुनाव से पहले ही छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। इसी तरह जो शिलान्यास तब हुए, उनमें से भी अधिकांश उनके पहले कार्यकाल में उद्घाटन के लिए पूर्ण नहीं हो पाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दूसरे कार्यकाल में सरकारी नौकरियां
करीब आठ माह के पहले कार्यकाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी की सबसे पहले वाली सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की घोषणा पूरी नहीं हो सकी। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो 41 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई अन्य विभागों में नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। इस पर कई पिछली भर्ती परीक्षाएं भी निरस्त कर दी गई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग से कराने की बात की गई। अब आयोग विभिन्न परीक्षा कराने में जुटा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब भाषणों से गायब हुई 22 हजार की संख्या
पहले कार्यकाल में जहां प्रदेश भर में सरकारी विभागों में 22 हजार नियुक्तियों की बात सीएम के हर भाषण में होती थी, वहीं दूसरे कार्यकाल में ये संख्या अब घटा दी गई। ऐसा हम नहीं बोल रहे हैं। सरकारी नौकरियों के संबंध में सीएम धामी के जितने भी भाषण को आप पढ़ोगे या सुनोगे, उमें कहीं 22 हजार का जिक्र नहीं हो रहा है। अब वह सात हजार नियुक्तियों पर अटक गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राज्य स्थापना दिवस के बधाई संदेश में भी की सात हजार की बात
मंगलवार को मुख्यमंत्री की ओर से राज्य की स्थापना दिवस के मौके पर जो बधाई संदेश दिया गया, उसमें भी सात हजार नौकरियों की बात की गई। हम सूचना विभाग की ओर से जारी उनके बयान का हम एक पैरा दे रहे हैं। इसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवा हमारा भविष्य हैं। इसीलिए हमने युवाओं साथ धोखा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। भर्तियों में घोटाला करने वालों पर कड़ी क़ानूनी कारवाई की जा रही है। पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं के आयोजन के लिये हमने उत्तराखंड अधीनस्थ आयोग से भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित किया है। वर्तमान में जारी भर्ती कैलेण्डर के अनुसार 7 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मीडिया भी नहीं उठा रहा सवाल
सरकारी नौकरियों को लेकर मीडिया भी सीएम से ये सवाल नहीं पूछ रहा है कि पहले उन्होंने 22 हजार नौकरियों की घोषणा की थी, लेकिन अब सात हजार का ही जिक्र क्यों कर रहे हो। क्या पहले बगैर होमवर्क के ही इतनी सारी नौकरियों की घोषणा कर दी गई। या फिर चर्चाओं में आने के लिए। सात हजार और 22 हजार में तीन गुना से ज्यादा का अंतर होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीएम को अपने पिछले भाषण भी याद नहीं हैं। या फिर उन्होंने अब लोगों की याददाश्त को भूला दिया और अब सात हजार की बात कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजनीतिक दल भी नहीं उठा रहे सवाल
इस मुद्दे पर राजनीतिक दल भी सवाल नहीं उठा रहे हैं कि 22 हजार भर्तियों की बात करने वाले सीएम अब सात हजार नौकरियों की बात क्यों कर रहे हैं। करीब 15 हजार नौकरियां कहां चली गई। या फिर 15 हजार लोगों को नौकरी दे दी गई है। राजनीतिक दलों की बात करें तो सिर्फ देहरादून महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने जरूर इस मुद्दे को एक माह पूर्व उठाया था, लेकिन राज्य के लाखों युवाओं से जुड़े इस मुद्दे पर किसी का ध्यान नहीं है। रोजगार के मुद्दे पर मीडिया ताली बजा रहा है और राजनीतिक दल अध्ययन ही नहीं कर रहे हैं। वहीं, इस मुद्दे पर अलग अलग विभागों में बंटकर युवा आंदोलन जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज भी मीडिया के दूसरे मुद्दे पर प्रचारों के शोर के बीच दब रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर में उछाल
उत्तराखंड में अचानक एक महीने में करीब तीन प्रतिशत बेरोजगारी दर बढ़ गई है। बता दें कि बेरोजगारी दर कम होने के मामले में उत्तराखंड तीसरे स्थान से सातवें स्थान पर पहुंच गया है। सितंबर के अंत में 0.5 फीसदी बेरोजगारी दर थी, लेकिन अक्तूबर के आकंड़ों में बेरोजगारी की दर 3.4 पहुंच गया है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने 31 अक्तूबर तक की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में उत्तराखंड में अधिक बेरोजगारी दर है। 30 सितंबर तक प्रदेश में 0.5 फीसदी दर थी। हालांकि उत्तराखंड के साथ ही देश में भी बेरोजगार की दर एक फीसदी से अधिक बढ़ी है। राष्ट्रीय स्तर पर सितंबर में बेरोजगारी की दर 6.43 थी, अक्तूबर में यह बढ़कर 7.77 पहुंच गई है।

 

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page