झुकी सरकार, देहरादून में पर्यावरण प्रेमियों ने जीती दो लड़ाई, संघर्ष अभी जारी, निकाला पैदल मार्च
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने दो लड़ाई तो जीत ली, लेकिन संघर्ष अभी बाकी है। पर्यावरण प्रेमियों ने देहरादून के दिलाराम चौक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर करीब 244 पेड़ों के कटान के प्रस्ताव के खिलाफ आज रविवार की सुबह पैदल मार्च निकाला। ये पैदल मार्च दिलाराम बाजार से लेकर कैंट रोड स्थित सेंट्रियो मॉल तक निकाला गया। इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। हालांकि, अब इस सड़क के चौड़ीकरण में किसी भी पेड़ को ना काटने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। इससे पहले खलंगा क्षेत्र में जलाशय के निर्माण में दो हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने के प्रस्ताव पर भी सरकार झुक चुकी है। विरोध के चलते अब पेयजल निगम ने दूसरे स्थान पर जलाशय के निर्माण का फैसला किया है। ऐसे में पर्यावरण प्रेमियों का संघर्ष तो काम आया, लेकिन उनका कहना है कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई। देहरादून में और भी स्थानों पर अभी हजारों पेड़ों की बलि देने की योजना है। इसलिए संघर्ष को जारी रखा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में सौंग बांध की पेयजल परियोजना के लिए रायपुर क्षेत्र के खलंगा में बड़े जलाशय का निर्माण किया जाना है। इसके तहत यहां करीब 2000 पेड़ काटे जाने थे। पर्यावरण प्रेमियों के भारी विरोध के बीच पेयजल निगम ने इस जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। अब पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट के पेड़ नहीं काटने का निर्णय लिया गया है। अब इसकी जगह मालदेवता के निकट द्वारा गांव के पास कनार काटा गांव में जलाशय के लिए भूमि चिह्नित की गई है। यहां पिछले दिनों खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट में पेड़ों पर निशान लगाने के बाद पर्यावरण प्रेमी विरोध में उतर आए थे। इससे पहले सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण में भी हजारों पेड़ों का कटान हुआ था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरी लड़ाई में भी मिली सफलता
दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव के तहत 244 वृक्षों को काटने के लिए चिह्नित किया गया था। इसके विरोध में भी शहर के कई पर्यावरण प्रेमी उतर आए। पर्यावरण प्रेमियों की ओर से हर रविवार गांधी पार्क में बैठक भी होती है। साथ ही वे देहरादून के पर्यावरण को बचाने के की शपथ भी लेते हैं। उनका कहना है कि देहरादून का पर्यावरण बिगाड़ने के लिए सरकार ही जिम्मेदार है। इस गर्मियों में ऐसा पहली बार हुआ, जब देहरादून का तापमान तीन बार 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा। साथ ही लगातार 11 दिन तक तापमान 40 से 42 डिग्री के बीच रहा। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी ने कैंट रोड के पेड़ों को काटे बिना सड़क चौड़ीकरण के निर्देश दिए हैं, लेकिन ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यावरण प्रेमियों ने निकाला पैदल मार्च
आज रविवार की सुबह करीब सात बजे से दिलाराम बाजार पर पर्यावरण प्रेमी एकत्र हुए। इसके बाद इरा चौहान ने सबने लाइन लगाकर सेंट्रियो मॉल तक पैदल मार्च का आह्वान किया। सभी ने पंक्तिबद्ध होकर दिलाराम से लेकर कैंट रोड पर सेंट्रियो मॉल तक दून के पर्यावरण प्रेमियों ने पैदल मार्च निकाला। इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। पर्यावरण प्रमियों के देहरादून के पर्यावरण को बचाने के संबंध में नारे लिखी तख्तियां भी थीं। इनमें पर्यावरण बचाओ कंक्रीट हटाओ आदि के नारे लिखे हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लड़ना है भाई ये तो लंबी लड़ाई है
पर्यावरण प्रेमियों ने पैदल मार्च के बाद एक जनसभा भी की। साथ ही इस दौरान सतीश धौलखंडी, त्रिलोचन भट्ट, जयदीप सकलानी ने – लड़ना है भाई, ये तो लंबी लड़ाई है, सहित कई जनगीत गाए गए। इस मौके पर हिमांशु अरोरा ने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री ने कैंट रोड के पेड़ न काटने के आदेश दिए है, लेकिन झाझरा आशारोड़ी से पौण्टा साहिब तक रोड बनाने में लगभग 40000 पेड़ काटे जाने प्रस्तावित है। उसके लिए लंबा संघर्ष करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें वीडियो-जनगीत गाते पर्यावरण प्रेमी
पर्यावरण प्रेमियों का संबोधन
सेंट्रियो मॉल के समक्ष सभा में पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने कहा कि ये लम्बी लड़ाई है। केवल खलंगा व कैंट रोड पर जनदबाव के कारण ये कदम वापिस लिए गए है, लेकिन अभी विकास के नाम पर कई हज़ार पेड़ कटने की लाइन में हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नॉटियाल ने रेत माफियाओं के बारे में आगाह किया। उन्होंने कहा कि देहरादुन का तापमान 43 डिग्री पार होने पर भी किसी सरकारी प्रतिनिधि ने कोई शब्द नही बोले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन मेंदीरत्ता ने बताया कि आज से वर्षों पहले देहरादून का क्या स्वरूप था। जहाँ गर्मी का अहसास नही होता था। आज विकास के नाम पर पेड़ों को काटकर बड़े बड़े माल, बहुमंजिला इमारते शहर के बीचों बीच बनाने से पर्यवेरण को नुकसान हुआ है। साथ ही बिजली, पानी, सीवर, सड़क जाम जैसी समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने सेंट्रियो माल के इस छोटी सड़क के किनारे बनाने की अनुमति देने के कारणों पर भी प्रश्नचिह्न लगाया। सभा में विजय भट्ट, तन्मय ममगाईं, जया, रुचि, राधा चटर्जी आदि ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण बचाने की शपथ दिलाई। अंत मे मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी प्रेषित किया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।