Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 7, 2025

जोशीमठ त्रासदी में सरकार और प्रशासन के आ रहे हैं विरोधाभाषी बयान: करन माहरा

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ भू-धसाव प्रकरण पर राज्य सरकार पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को आड़े हाथों लिया। गुरुवार को जारी बयान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इस मामले में सरकार और प्रशासन दोनों के बयान विरोधाभाषी आ रहे हैं। उन्होंने राज्य के नेताओं और अधिकारियों के मुआवजा राशि को लेकर अलग-अलग बयानों की निंदा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माहरा ने कहा कि इस आपदा के समय पर भी राज्य सरकार गम्भीर नही दिखाई दे रही है। शासन में नेताओं और अधिकारियों के बीच कोई समन्वय दिखाई नही पड़ता। माहरा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री धामी बाजार दर पर मुआवजे देने की बात कर रहे हैं, परन्तु मुआवजे की दर कितनी होगी, इसकी तस्वीर साफ नही कर रहे हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर से स्थानीय जनता से बातचीत करने के लिए जिस अधिकारी को अधिकृत किया गया, उनकी प्रभावितों के साथ वार्ता विफल बताई जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आ रहे इन्ही विरोधाभाषी बयानों के चलते प्रदेश मुख्यमंत्री आवास कूच स्थगित करने का निर्णय लिया है। साथ ही साथ उन्होंने घोषणा की है कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व पूर्व काबीना मंत्री एवं बद्रीनाथ से विधायक राजेन्द्र भंडारी तथा पौडी लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे वरिष्ठ नेता मनीष खंडूड़ी से वार्ता चल रही है। दोनों ही नेताओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा अधिकृत किया गया है कि वह प्रसिद्ध पर्यावरणविदों एवं भू-वैज्ञानिकों से विचार विमर्श करके रिपोर्ट व संस्तुति प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगें। इसके साथ ही स्थानीय जनता की मांगों और अपेक्षाओं को टटोला जा रहा है। तदोपरान्त ही उत्तराखंड कांग्रेस यह निर्णय लेगी कि जोशीमठ मामले में पार्टी का अगला कदम क्या होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माहरा ने सरकार पर अरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार जोशीमठ के प्रति कतई गम्भीर नही है। मुख्यमंत्री धामी को भी मजबूरन जोशीमठ रात्रि प्रवास पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सुझाव एवं दबाव के बाद जाना पड़ा। यह विडम्बना ही कही जा सकती है कि सरकार के एक भी मंत्री ने अभी तक जोशीमठ में कैंप नही किया है। मंत्री सैर सपाटा करने में व्यस्त हैं, सिर्फ हवाई दौरे कर जोशीमठ से देहरादून 2घंटे में वापस आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भटट पर बद्रीनाथ विधानसभा का दो बार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद क्षेत्र की अनदेखी का आरोप है। इसके चलते आज जोशीमठ के यह हालात है कि वह केवल खाना पूर्ती करने जोशीमठ गए। जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें स्थानीय जनता का जबरदस्त विरोध व आक्रोश झेलना पडा। माहरा ने मांग की है प्रदेश सरकार को बद्रीनाथ की तर्ज पर 76लाख रूपये प्रति नाली जमीन का भुगतान प्रभावितों को करना चाहिए। उसी प्रकार आवासीय परिसरों का भी बाजार दर से मुल्यांकन कर प्रभावितों को भुगतान करना चाहिए। माहरा ने कहा कि जिस तरह खबरें सामने आ रही हैं, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि जोशीमठ मामले में सरकार और प्रशासन में तालमेल नही है और स्थानीय जनता एवं विपक्ष की ऑखों में धूल झोंकी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 से ज्यादा परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। अब प्रभावित भवन 700 से ज्यादा हो गए हैं। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *