Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 15, 2024

15 साल में मिला साढ़े 36 लाख वेतन, फिर भी करोड़पति हो गए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी

1 min read

विधायक बनने के बाद अचानक बीजेपी नेता एवं वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की आय में अप्रताशित इजाफा हुआ है। 15 साल के भीतर उन्होंने विधायक के दौर पर साढ़े 36 लाख का वेतन लिया, लेकिन उनकी संपत्ति करोड़ों में हो गई। इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट एवं एडवोकेट विकेश नेगी ने किया। आरटीआई और एडीआर रिपोर्ट के माध्यम से उन्होंने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है। मंत्री ने नौ करोड़ रुपये कैसे कमा लिए। दर्जन से भी अधिक प्लाट-दुकानों के वह स्वामी कैसे बन गए। वहीं मंत्री ने इस आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार गणेश जोशी को विधायक और मंत्री के तौर पर 2007 से 2023 तक कुल 36 लाख 54 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिला। वहीं, उन्होंने 2022 के चुनाव में जो हलफनाम दिया तो उसमें अपनी आय नौ करोड़ बताई है। एडवोकेट विकेश के मुताबिक जोशी ने आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आरटीआई और एडीआर रिपोर्ट के माध्यम से कहा है कि कहा कि पिछले 15 वर्ष में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी करोड़पति हो गए। उनके देहरादून और हरिद्वार में 10 से अधिक प्लाट और फैक्ट्री हैं। इस मामले में उन्होंने विजिलेंस और प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की है। उन्होंने मसूरी से विधायक गणेश जोशी की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में विजिलेंस से शिकायत की गई है। शिकायत में चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी दिया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उधर, आरटीआई एक्टिविस्ट के आरोप पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मैं सार्वजनिक जीवन में हूं। पिछले चार बार से विधायक और तीन बार मंत्री पद की शपथ ली है। मैं 1985 से राजनीतिक जीवन में हूं। मैंने अपने सभी चुनावों के शपथ पत्रों में अपनी आय एवं संपत्ति का संपूर्ण ब्यौरा दिया है। विपक्ष के पास कुछ कहने-करने को नहीं है। इसलिए ये लोग कुछ न कुछ करते रहते हैं। यह आरोप निराधार है और मेरी छवि को खराब करने का प्रयास है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *