पोलियोग्रस्त हाथ से स्पिन गेंदबाजी करने वाले पूर्व भारतीय गुगली स्टार चंद्रशेखर की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
पूर्व भारतीय दिग्गज स्पिनर भागवत सुब्रमण्य चंद्रशेखर को तबीयत खराब होने की वजह से बैंगलुरू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के प्रवक्ता विनय मृथुंजय्या ने कहा कि वह आईसीयू में हैं और हम अधिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 75 साल के चंद्रशेखर को स्ट्रोक आया था। डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी हालत अब स्थिर है और वह ठीक हो रहे हैं।
बीएस चंद्रशेखर की पत्नी संध्या ने कहा कि चंद्रशेखर बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती हैं। संध्या ने कहा-वह ठीक थे और मैच देख रहे थे कि उसी दौरान उन्हें बोलने में दिक्कत महसूस हुई। इसके उन्हें अस्पताल ले गए। अब उनकी हालत ठीक हैं और एक दो दो दिन घर वापस आ जाएगें।
क्रिकेट करियर
अपने करियर में उन्होंने 58 टेस्ट और 1 वनडे मैच खेला है। टेस्ट में चंद्रशेखर ने 242 विकेट तो वहीं 16 बार टेस्ट में 5 विकेट हॉल करने में सफल रहे थे। इसके अलावा उन्होंने एक टेस्ट मैच में 2 बार 10 विकेट चटकाने का कमाल अपने करियर में कर दिखाया। अपने समय में चंद्रशेखर दुनिया के महान स्पिनर रहे थे। उन्हें गुगली स्टार के नाम से भी जाना जाता था। अपने करियर में खेले एक मात्र वनडे में चंद्रशेखर ने 36 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए थे।
इंग्लैंड के खिलाफ पहली टेस्ट जीत का श्रेय
भारत ने जब इंग्लैंड के खिलाफ पहली टेस्ट जीत हासिल की थी तो उस टेस्ट मैच में चंद्रशेखर ने कमाल की गेंदबाजी की थी। साल 1971 ओवल में ऐतिहासिक टेस्ट मैच में पूर्व स्पिनर ने 38 रन दे कर 6 विकेट लिए थे। यह कमाल करके वह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत के हीरो बने थे।
पोलियोग्रस्त हाथ को बनाया हथियार
बता दें कि पूर्व दिग्गज भारतीय स्पिनर भागवत सुब्रमण्य चंद्रशेखर एक हाथ से पोलियो से ग्रसित थे। इसके बावजूद उनकी स्पिन गेंदबाजी विरोधी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पैदा करती थी। 1970 के दशक में चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी और श्रीनाथ वेंकटराघन ने मिलकर भारत को कई टेस्ट मैच अपनी गेंदबाजी से जीताए थे।
कर्नाटक के मैसूर में 17 मई 1945 को जन्में भागवत सुब्रमण्यम चंद्रशेखर का दाहिना हाथ बचपन से ही पोलियो से ग्रस्त होने के कारण कमजोर और लचीला हो गया था। मगर उन्होंने इस कमजोरी को अपनी ऐसी ताकत बनाई जो विरोधियों के लिए अभिशाप बन बैठा। यदि लाजवाब और बेमिसाल होना कला का आवश्यक गुण है तो भागवत चंद्रशेखर यकीनन एक कलाकार थे।
गेंदबाजी का बल्लेबाज मानते थे लोहा
सुभाष गुप्ते के बाद चंद्रशेखर, आजाद भारत के दूसरे ऐसे गेंदबाज थे जिनकी गेंदबाजी का लोहा सभी बल्लेबाज मानते थे। अपने दम पर अकेले मैच का रुख पलटने की ताकत रखने वाले इस खिलाड़ी को कभी पोलियोग्रस्त होने का इल्म नहीं रहा। चंद्रशेखर को पोलियो ग्रस्त हाथ से गेंदबाजी करने और लाइन-लेंथ को नियंत्रित करने के लिए कितने अभ्यास की जरूरत पड़ी होगी इसका अंदाजा हम शायद ही लगा पाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।