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September 17, 2024

चाय प्रेमियों के लिए अच्छी खबर, रोजाना दो से तीन कप पीने वालों की होती है ज्यादा उम्र

1 min read

भारत में शायद की कोई गांव, शहर ऐसा हो जहां लोग चाय नहीं पीते हैं। चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसे भारत में नेशल ड्रिंक की तरह ट्रीट किया जाता है। चाहे घर में मेहमान आए या फि सुबह उठने के बाद। अक्सर लोग चाय से ही दिन की शुरुआत करते हैं। इसके दीवाने इसे विभिन्न रूपों में लेना पसंद करते हैं। कमाल की बात यह है कि चाय पीने के फायदे जानने के लिए इस पर कई वैज्ञानिक शोध किए जा चुके हैं, जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि चाय वैकल्पिक रूप से कई शारीरिक समस्याओं के प्रभाव व उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है। चाय से जुड़ी एक रिसर्च में सामने आई, जिसके बारे में हम बताने वाले हैं। इसे पढ़कर हर चाय प्रेमी खुशी से झूम उठेगा। इसके साथ ही हम चाय के फायदे और नुकसान पर भी चर्चा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सामने आई ये रिसर्च
अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने चाय पर एक रिसर्च किया। इसके मुताबिक, चाय पीने वाले लोग उन लोगों से ज्यादा जीते हैं, जो लोग रोजाना चाय नहीं पीते हैं। यह रिसर्च एक दो लोगों पर नहीं, बल्कि युनाइटेड किंग्डम के पांच लाख से ज्यादा लोगों पर हुई थी। इनके डेटाबेस पर शोध करने के बाद ही यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई। सबसे बड़ी बात है कि अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस पर 14 साल तक शोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चाय पीने वालों की उम्र होती है ज्यादा
इस रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोजाना दो या तीन कप या उससे ज्यादा चाय पीते हैं उनमें मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले कम होतै है जो बिल्कुल भी चाय नहीं पीते। ये खतरा नौ से 13 फीसदी कम होता है। यह पूरी रिसर्च पढ़ने के लिए आप अनैल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन नामक पत्रिका पर पढ़ सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये रिसर्च काली चाय पीने वालों पर हुई है। यानी आप इस रिसर्च को अपनी दूध वाली चाय से जोड़ कर ना देखें। दूसरी बात ये कि कोई भी चीज जरूरत से ज्यादा हानिकारक होती है। इसलिए चाय हो या कुछ और हमेशा उसे सीमित मात्रा में ही लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कितनी पीनी चाहिए
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक दिन में 2 से 3 कप चाय पी जा सकती है। चूंकि चाय पीने के फायदे के साथ इसके कई नुकसान भी हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख में आगे बताएंगे। इसलिए चाय के अधिक सेवन से हमेशा परहेज करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चाय पीने का सही समय
विशेषज्ञों की मानें, तो चाय या कॉफी पीने का सबसे अच्छा समय खाना खाने के 1-2 घंटे बाद का होता है। आप इसे सुबह भी पी सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें, कि खाली पेट कभी ना पीएं। खाली पेट चाय पीना निजर्लीकरण का कारण बन सकती है। खासकर जब इसका सेवन 8-9 घंटे की नींद के बाद किया जाए तब शरीर में भोजन और पानी की मात्रा बिल्कुल नहीं होती। ऐसे में निर्जलीकरण मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकती है। इसलिए चाय के साथ में बिस्किट , टोस्ट लेना बेहतर है। शाम के समय चाय पीते वक्त स्नैक्स लेना भी अच्छा विकल्प है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चाय के फायदे
अब तो चाय के कई रूप देखने को मिलते हैं। इनमें ब्लैक टी, ग्रीन टी, और येलो टी जैसे हर्बल चाय पीने से आपको खूब सारे फायदे भी मिलते हैं। इससे शरीर से टॉक्सिंस दूर होते हैं और आपको कई बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। चाय में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स के असर कम करता है। चाय पीने वालों के लिए यह किसी एनर्जी ड्रिंक से कम नहीं है। इसे दुनियाभर में सबसे ज्यादा पीने वाला पेय पदार्थ माना जाता है। वहीं, सर्दियों के दिनों में चाय किसी औषधि से कम नहीं है। चाय का वैज्ञानिक नाम कैमेलिया कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) है। इसमें कई औषधीय तत्व मौजूद हैं, जो कैंसर, हृदय रोग, गठिया और मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हृदय के लिए फायदेमंद है चाय
संतुलित मात्रा में ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, चाय का सेवन करने वाले लोगों में ब्लड प्रेशर, सीरम में लिपिड की मात्रा और डायबिटीज नियंत्रित रहती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, जिससे शरीर को हृदय रोग होने की संभावना कम होती है। फिलहाल, हृदय स्वास्थ्य के मामले में चाय के बेहतर प्रभाव जानने के लिए अभी और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है।
नोट-ये लेख सामान्य जानकारी के लिए है। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टरी परामर्श ले सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अर्थराइटिस में चाय पीने के फायदे
रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों में दर्द, कठोरपन और सूजन बनी रहती है। इस समस्या में ग्रीन टी आराम पहुंचा सकती है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ग्रीन टी और ब्लैक टी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं । हालांकि इस शोध में चूहों पर ग्रीन टी और ब्लैक टी के प्रभाव देखे गए थे मनुष्य पर नहीं। इसलिए कहा जा सकता है कि ग्रीन टी गठिया के घरेलू उपचार के रूप में कुछ हद तक सहायक हो सकती है। हालांकि, यह कितनी प्रभावी साबित होगी इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डायबिटीज कम करने में चाय के फायदे
एक शोध में मधुमेह के लिए चाय के फायदे की बात कही गई है। शोध में बताया गया है कि चाय डायबिटीज के जोखिम और इससे जुड़ी जटिलताओं को कम करने में मददगार हो सकती है। शोध के अनुसार, चाय इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाती है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इस आधार पर कह सकते हैं कि चाय का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। इस शोध में ग्रीन, ब्लैक और ओलोंग जैसी विभिन्न प्रकार की चायों को शामिल किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिरदर्द में चाय के फायदे
सिरदर्द में भी चाय पीने के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, इसमें कैफीन की मात्रा पाई जाती है, जो सिरदर्द के असर को कुछ कम कर सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, 237 एमएल काली चाय में करीब 30-80 एमजी कैफीन होता है। वहीं, 237ml ग्रीन टी में 35-60mg कैफीन की मात्रा पाई जाती है (7)। ध्यान रहे कि कैफीन सिरदर्द का इलाज नहीं है। एक स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन 400 मिलीग्राम कैफीन का सेवन कर सकता है। इससे अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन सिरदर्द, अनिद्रा और बेचैनी जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एंटी-एजिंग गुणों से भरपूर
बढ़ती हुई उम्र के प्रभाव को कम करने में भी चाय लाभकारी है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध भी इस बात की पुष्टि करता है। शोध में जिक्र मिलता है कि ग्रीन और व्हाइट टी में पॉलीफेनोल (कैटेचिन) नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है, जो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचा सकता है। वहीं काली चाय में थिएफ्लेविन होता है। ये तत्व झुर्रियों से बचाव के मामले में त्वचा को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। ऐसे में बेहतर लाभ के लिए चाय को पीने के साथ त्वचा पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एंटीऑक्सीडेंट
चाय में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में लाभकारी साबित हो सकते हैं। इससे फ्री रेडिकल्स की वजह से होने वाले हृदय रोग, कैंसर, एजिंग की समस्या होने की आशंका काफी हद तक कम हो सकती है। इसलिए एंटीऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों में शामिल चाय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी
सूजन से जुड़ी परेशानियों में चाय पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को दूर कर सकते हैं। सूजन से जुड़ी समस्याओं जैसे हृदय रोग और मधुमेह का उपचार करने में चाय का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्यादा चाय पीने से हो सकती है ये समस्याएं
चाय के अधिक सेवन के कारण कैफीन के नकारात्मक परिणाम भी सामने आ सकते हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि चाय को किसी समस्या का पूर्ण उपचार नहीं कहा जा सकता है। किसी भी समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। हालांकि हर्बल टी को छोड़कर अगर आप दूध वाली चाय पीते हैं तो इससे आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है। एसिडिटी और कब्ज की शिकायत हो सकती है। वहीं अगर आप चाय में बहुत ज्यादा शुगर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इससे आपको डायबिटीज का खतरा रहता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि चाय का सेवन एक सीमा तक सही रहता है, क्योंकि चाय का अधिक सेवन से कई तरह की समस्या हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयरन के अवशोषण को कम करती है चाय
चाय में टेनिन नाम का यौगिक पाया जाता है। यह शरीर में आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकता है। यही कारण है कि भोजन करने के तुरंत बाद चाय पीने से मना किया जाता है।
चिंता और तनाव का कारण
चाय में कैफीन होता है और कैफीन के अधिक सेवन से मस्तिष्क संबंधी रोगों का भी सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मात्रा में चाय का सेवन चिंता, तनाव और बेचैनी को बढ़ा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अनिद्रा और हृदय रोग
हालांकि लेख में बताया जा चुका है कि चाय कुछ हद तक हृदय रोग में सहायक हो सकती है। इसके बावजूद चाय में मौजूद कैफीन के कारण इसका अधिक सेवन कार्डियोवैस्कुलर (ह्रदय) रोग और अनिद्रा का कारण बन सकता है।
जी मचलने या मतली का कारण
ग्रीन और ब्लैक टी में कैफीन होता है, जिस वजह से चाय का अधिक सेवन जी मिचलाने की शिकायत पैदा कर सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीने में जलन
चाय में कैफीन है इसका जिक्र हम इस लेख में पहले भी कर चुके हैं। साथ ही वैज्ञानिक अध्ययन में भी यह साबित हुआ है कि कैफीन पेट में गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है, जिससे सीने में जलन महसूस हो सकती है। इसलिए एसिडिटी से जूझ रहे मरीज को चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था में चाय का सेवन
गर्भावस्था के दौरान चाय के रूप में अधिक कैफीन का सेवन गर्भपात और जन्म के समय शिशु के कम वजन का कारण बन सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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