केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, बढ़ाई गई विशेष आकस्मिक अवकाश की लिमिट, ये रहेंगी शर्ते
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल उन्हें विशेष अवकाश का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए डीओपीटी ने आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के तहत उन्हें विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति दी जाएगी। उन्हें 42 दिन का अवकाश दिया जाएगा। इसके लिए नियम और नीति भी तय किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि विभाग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से प्राप्त कई संदर्भों/प्रश्नों के आलोक में अंग दाताओं को विशेष आकस्मिक अवकाश देने पर विचार कर रहा है। एक दाता से अंग निकालना एक बड़ी सर्जरी है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने और अस्पताल में भर्ती होने के बाद की अवधि सहित, ठीक होने में समय लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकतम 42 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश
इसके अलावा, एक अन्य इंसान की मदद करने और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच अंग दान को बढ़ावा देने के लिए नेक गतिविधि को ध्यान में रखते हुए, अब यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी को अपने अंग दान करने के लिए अधिकतम 42 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
30 दिन की लिमिट बढ़ाकर 42 दिन की गई
किसी इंसान की मदद करने और केंद्रीय कर्मचारियों के बीच अंग दान को बढ़ावा देने के मकसद से किसी भी कर्मचारी को अधिकतम 42 दिन की स्पेशल लीव दी जाएं। इसके लिए नियम भी तय हो गए हैं। मौजूदा नियम के तहत किसी कैलेंडर ईयर में आकस्मिक अवकाश के रूप में अधिकतम 30 दिन की छुट्टियों की मंजूरी मिलती है। नया नियम 25 अप्रैल, 2023 से प्रभाव में आ गया है। इसमें इन विशेष परिस्थितियों में 42 दिन की छुट्टियां मिलेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सभी कर्मचारियों के लिए लागू नहीं होगा नियम
डीओपीटी (DoPT) की तरफ से जारी मेमोरेंडम में कहा गया है कि यह आदेश सीसीएस (छुट्टी) नियम के तहत सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। इस नियम को चुनिंदा कर्मचारियों पर लागू किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि छुट्टियों से संबंधित नया नियम रेलवे कर्मचारियों, ऑल इंडिया सर्विसेज के कर्मचारियों के लिए नई अवकाश नीति लागू नहीं होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवधि से पहले उठाया जा सकता है लाभ
सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया कि डोनर के अंग को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी और उसके बाद रिकवरी के लिए अवकाश की अधिकतम सीमा 42 दिन होगी। इसके लिए सरकार की तरफ से पंजीकृत चिकित्सक की अनुशंसा के आधार पर ही छुट्टियां दी जाएंगी। इस प्रकार की छुट्टियों का लाभ अस्पताल में भर्ती होने से एक हफ्ते पहले से उठाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये तय किए गए हैं नियम नियम
किसी अन्य व्यक्ति को, जनहित में एक विशेष कल्याणकारी उपाय के रूप में, CCS (छुट्टी) नियम 1972 के परिशिष्ट-III के तहत किसी एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिनों से अधिक विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान नहीं करने के प्रावधान के बावजूद, निम्नलिखित शर्तों पर उन्हें अवकाश का लाभ मिलेगा।
दाता के अंग को हटाने के लिए किसी भी प्रकार की सर्जरी के बावजूद, सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/चिकित्सक की सिफारिश के अनुसार विशेष आकस्मिक अवकाश की अवधि अधिकतम 42 दिन होगी।
सभी प्रकार के जीवित दाताओं को छुट्टी प्रदान की जाएगी, बशर्ते कि दाता को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के अनुसार सरकारी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा दान के लिए विधिवत अनुमोदित किया गया हो।
विशेष आकस्मिक अवकाश को सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/चिकित्सक द्वारा चिकित्सीय अनुशंसा पर शल्य चिकित्सा की जटिलताओं की असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर किसी अन्य अवकाश के साथ नहीं जोड़ा जाएगा।
विशेष आकस्मिक अवकाश आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दिन से लेकर एक बार में लिया जाएगा। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/चिकित्सक की सिफारिश पर सर्जरी से अधिकतम एक सप्ताह पहले इसका लाभ उठाया जा सकता है।
इलाज करने वाले सरकारी पंजीकृत चिकित्सक/चिकित्सक की सिफारिश पर अवकाश को दो भागों में बांटने की अनुमति दी जा सकती है।
अंगदान के संबंध में उपचार यथासंभव किसी प्राधिकृत अस्पताल से किया जाएगा। ऐसे मामले में जहां उपचार के क्षेत्र/जोन में कोई अधिकृत अस्पताल उपलब्ध नहीं है और उपचार निजी अस्पताल से किया जाता है, तो अस्पताल के संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा विधिवत प्रमाणित चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
“प्राधिकृत अस्पताल” को सरकारी अस्पताल या केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल के रूप में परिभाषित किया गया है।
नोट-ये आदेश सीसीएस (छुट्टी) नियमावली, 1972 के नियम 2 के अनुसार भारत संघ के मामलों के संबंध में सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर इसके जारी होने की तारीख से लागू होंगे।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।