बुजुर्गों के लिए अच्छी और बड़ी खबरः रेल किराए में दोबारा छूट देने की तैयारी
रेल संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने हाल में संसद में पेश रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है। समिति ने कहा कि रेलवे ने महामारी और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न श्रेणी में दी जाने वाली रियायत बंद कर दी थी। इसमें 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेल किराये में 50 फीसदी और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों को 40 फीसदी रियायत दी जाती थी। समिति ने कहा कि रेलवे अब सामन्य स्थिति की ओर आगे बढ़ रही है। इसलिए उन्हें विभिन्न श्रेणियों में दी जाने वाली रियायतों पर विवेकपूर्ण विचार करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति चाहती है कि कोविड से पूर्व वरिष्ठ नागरिकों को दी जा रही रियायत की समीक्षा की जाए और कम से कम स्लीपर, एसी-3 में तत्काल रियायत देने पर विचार किया जाए। रेलवे कोरोना महामारी से पूर्व में 54 श्रेणियों में रियायत देती थी। रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि दिव्यांग की चार श्रेणी, रोगियों व छात्रों सहित कुल 11 श्रेणी में रेल में रियायत शुरू की गई है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को फिलहाल छूट देने का विचार नहीं है। विदित हो कि रेलवे 50 से अधिक श्रेणी में 10 से लेकर 100 फीसदी तक रेल किराये में रियायत देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेलवे प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त, वरिष्ठ नागरिक, खिलाड़ी, कलाकार, विधवा, विद्यार्थी, मूक-बधिर, नेत्रहीन, विकलांग, मानसिक रोगी, अपंग यात्री, खिलाड़ी, कलाकार, फिल्म तकनीशियन, आतंकवाद से लड़ते हुए मारे गए पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल के जवानों की विधवाओं आदि को रियायत देती थी। रेलवे द्वारा विभिन्न श्रेणी में दी जाने वाली रियायतों में से 80 फीसदी लाभ वरिष्ठ नागरिकों को मिलता है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।