चमोली में ग्लेशियर टूटाः दस मौत, 384 को बचाया, रेस्क्यू जारी, सात घायल अस्पताल में भर्ती

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ से 94 किमी आगे सुमना क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना में अब तक 391 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। हादसे में 10 लोगों की मौत बताई जा रही है, सात गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल भर्ती कराया गया है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। मौके पर बीआरओ कैंप था। ग्लेशियर की चपेट में ये कैंप आया है। अभी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कैंप में 400 से अधिक मजदूर थे। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे मामले पर फोन पर बातचीत की है। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मौके के लिए रवाना हुए। सीएम रावत के अनुसार जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही एनटीपीसी और अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये। साथ ही ऋषिकेस में गंगा घाटों को खाली करा दिया गया है।
सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राहत बचाव के दौरान 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसमें सात की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, सुमना हादसे मे दस लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है।
सात घायलों को अस्पताल में कराया भर्ती
आर्मी ने हेली सेवा की मदद से बीआरओ के सात घायल मजदूरों राय बोंडाला (30 वर्ष), अनुज कुमार(18 वर्ष), फिलिप बान्ड (21 वर्ष), कल्याण (40 वर्ष), मंगलदास (33 वर्ष), संजय(25 वर्ष), महिंद्र मुंडा (41 वर्ष) को घटना स्थल सुमना-2 से रेस्क्यू कर आर्मी हास्पिटल जोशीमठ में भर्ती कर दिया है। इनमें से एक घायल को सेना अस्पताल देहरादून भेजा गया।
सीएम ने क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा था कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। तब मुख्यमंत्री ने बताया था कि इस हादसे में छह मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है, जबकि 4 लोग घायल हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
अमित शाह ने दिया हर मदद का आश्वासन
सीएम ने पोट्स में बताया कि गृह मंत्री अमित शाह जी नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिये है। उनकी इस तत्परता व संवेदनशीलता के लिए मैं अपने प्रदेशवासियों की ओर से माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
सेना चला रही है रेस्क्यू
सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राहत बचाव के दौरान 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। बताया गया कि बर्फबारी के बीच भी सेना ने रेस्क्यू जारी रखा। शुक्रवार रात्रि को रेस्क्यू आपरेशन को रोकने के बाद आज शनिवार 24 अप्रैल की सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि जहां ये घटना हुई वहां, ग्रीफ की ओर से पुल निर्माण चल रहा था। यह घटना सुमना-2 क्यूगाड वैली के निकट हुई।
शुक्रवार की है घटना
बताया गया 23 अप्रैल की दोपहर में सुमना टू के बीआरओ शिविर में हिमस्खलन हुआ। जिससे शिविर तबाह हो गया था। शिविर में सड़क निर्माण में जुटे मजदूर, मशीन चालक, अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिनकी संख्या अभी साफ नहीं है। परंतु सेना का कहना है कि अभी कई लोग लापता होने की सूचना पर रेस्क्यू जारी है।
कल जैसे ही घटना की सूचना मिवी को बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में टीम मौके के लिए रवाना हुई थी। बताया गया कि टीम भी सड़क बंद होने के चलते रास्ते में ही फंसी रही। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि आईटीबीपी के पास सीमा में संशाधन उपलब्ध हैं। उनके पास घटना को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।
गंगा घाटों को कराया खाली
जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद ऋषिकेश के पक्के गंगा घाटों पर रहने वाले तमाम व्यक्तियों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों में भेज दिया। गंगा घाटों की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया। साथ ही गंगा के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है।
शुक्रवार को चमोली के सीमांत क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने की सूचना पर मुख्यमंत्री की ओर से जारी निर्देश के अनुपालन में ऋषिकेश क्षेत्र में पुलिस और आपदा प्रबंधन दल सक्रिय हो गया। त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी उत्तम रमोला, कुंभ चौकी प्रभारी नवीन नेगी के साथ जल पुलिस के जवान हरीश गुसाईं आदि ने देर रात त्रिवेणी घाट और आसपास क्षेत्र में खुले में सो रहे सभी व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया।
कुंभ थाना ऋषिकेश के निरीक्षक मुकेश चौहान ने बताया कि कुंभ पुलिस को भी इस मामले में सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि गंगा के त्रिवेणी घाट, नाव घाट, साईं घाट आदि में काफी संख्या में भिक्षुक आदि रहते हैं। इन सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। गंगा के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत बड़ी त्रासदी आ गयी है