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March 13, 2025

गुलाम नबी आजाद ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, सोनिया को लिखी पांच पेज की चिट्ठी, दिखाया आइना, राहुल पर फोड़ा खस्ता हालत का ठीकरा

जैसी  आशंका लगाई जा रही थी, वही हो गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। इससे पहले जी 23 समूह के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस का साथ छोड़ा था। गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से नाराज चल रहे थे। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया देने के साथ ही सोनिया गांधी को पांच पेज की चिट्ठी भी लिखी है। इसमें उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस की ‘खस्ता हालात’ और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने पार्टी के सारे फैसले अकेले राहुल गांधी की ओर से लेने का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। वह कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी 23 गुट में शामिल थे। जी -23 गुट कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिबब्ल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है कि- जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया। बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी। साथ ही, गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश की कॉपी फाड़ने की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने इसको ही साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह बताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था। इस पर उन्होंने कहा था कि जी -23 समूह पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है और पार्टी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरेगी। उन्होंने निरंतर बाहर रखे जाने एवं अपमान का हवाला देते हुए पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जी-23 उन असंतुष्ट वरिष्ठ नेताओं का एक समूह है जिसने संगठन में आमूल-चूल फेरबदल की मांग की है। शर्मा भी इस समूह का हिस्सा हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, दो दिन पहले कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। जयवीर शेरगिल ने एक चिट्ठी लिखकर गांधी परिवार पर तीखा प्रहार भी किया था। शेरगिल ने पत्र में कहा है कि पार्टी के निर्णय लेने वालों की दृष्टि अब युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए संक्षिप्त पत्र में ‘चाटुकारिता’ के बारे में भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि, प्राथमिक कारण (त्यागपत्र देने का) यह है कि कांग्रेस में फैसले लेने वाले मौजूदा लोगों की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शेरगिल ने पत्र में लिखा है कि-इसके अलावा, मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि फैसले अब जनता और देश के हित के लिए नहीं लिए जाते हैं, बल्कि यह चाटुकारिता में लिप्त व्यक्तियों के स्वार्थ और निजी हितों से प्रभावित होते हैं। जमीनी हकीकत को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। यह कुछ ऐसी स्थिति है जिसे मैं नैतिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकता या साथ में काम करना जारी नहीं रख सकता। 39 वर्षीय जयवीर शेरगिल कांग्रेस के सबसे युवा प्रवक्ताओं में से थे. वह कुछ समय से पार्टी की मीडिया ब्रीफिंग में नहीं दिख रहे थे। शेरगिल वकील हैं और पार्टी के प्रमुख युवा चेहरों में से एक रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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