त्वरित प्रतिक्रियाः आम बजट-डीए फ्रीज रहा मगर आयकर में छूट नहीं मिलीः भूपत सिंह बिष्ट
अगर आप 75 वर्ष के हैं तो आप को इनकम टेक्स रिर्टन भरने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन तब भी आप की आय पैंशन और ब्याज पर निर्भर होनी जरूरी है। यह दूसरी बात है कि भारत में औसत आयु 65 वर्ष के करीब है और कोरोना जैसी महामारी ने तो आयु का भेद ही मिटा दिया है।
वेतनभोगियों को नहीं मिली छूट
वेतन भोगी कर्मचारियों की उम्मीद रही कि बीजेपी अपने चुनावी घोषणा के अनुसार पांच लाख तक आयकर में छूट इस वर्ष दे सकती है, लेकिन बीजेपी सरकार या मोदी राज में पिछले छह सालों से यह सपना साकार होने में नहीं आ रहा है। वहीं, टेक्स भरने वाले नागरिकों का रिकार्ड आंकड़ा बढ़कर 6.8 करोड़ कोरोना काल में दर्ज हुआ है।
चुनाव के मद्देनजर यहां नेमते
इस साल टेक्स स्लैब को बढ़ाने में वित्तमंत्री ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई यह दूसरी बात है कि बंगाल, तमिलनाडु, असम और केरल में चुनाव के मध्य नजर राजमार्गों पर करोड़ों का बजट घोषित हुआ है। गैस पाइप लाइन का विस्तार जम्मू कश्मीर में किये जाने की योजना है और इस वर्ष दस नए जनपदों को गैस पाइप लाइन से जोड़ा जायेगा।
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को नहीं मिली राहत
पेट्रोल और डीजल पर सेस से सरकार फंड तो भले ही जुटा ले, किंतु ट्रांसपोर्ट का स्वरोजगार बनाने वाले युवाओं की जेब पर यह करारी मार है। पहले ही पेट्रोल और डीजल पर सौ प्रतिशत से अधिक टेक्स वसूलती आ रही है। पहाड़ में जीप, टैक्सी और सामान वाहन चला रहे चालकों के लिए भी कोई राहत नहीं मिल पाई है।
बीमा निगम
सरकार बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को 74 प्रतिशत तक बढ़ाने को तैयार हो गई है और पहले यह सिलींग 49 प्रतिशत थी। इसी क्रम में भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर बाजार में जारी करने की योजना को अमली जामा पहनाया जायेगा।
किसान कर्ज नहीं चाहते हैं आय
कृषि कर्ज की राशि अब बढ़कर 16.5 लाख करोड़ की जा रही है, लेकिन किसानों की मांग है कि उन्हें कर्ज के जाल से बाहर निकाला जाये। किसान कर्ज नहीं, आय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कर्ज के जाल में फंसे किसान पूरे देश में आत्महत्या करने में मजबूर हुए हैं।
किसानों की उपज खरीद का आंकड़ा दस फीसद भी नहीं
सरकार ने दलहन खरीद के लिए 10,500 करोड़, गेहूं के लिए 75 हजार करोड़ और धान के लिए 1.75 लाख करोड़ की घोषणा की है। एमएसपी तय करने के बावजूद किसानों से उनकी उपज खरीद का आंकड़ा अभी तक दस प्रतिशत नहीं छू पाया है और यह खरीद भी पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश राज्यों तक सीमित है।
मार्जिन मनी घटाने से मिलेगी राहत
ऋण लेने के लिए सरकार ने कुछ योजनाओं में मार्जिन मनी को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया है। निसंदेह मार्जिन मनी कम करने से महिलाओं, एससी, एसटी वर्ग को ऋण लेने में सुविधा होगी। यदि बैंक अतिरिक्त सिक्योरिटी उपलब्ध कराने का दबाव कर्जदार पर न बनायें।
जनहित में नहीं शिक्षा का बाजारीकरण
100 सैनिक स्कूल खोलने के लिए सरकार ने प्राइवेट इनवेस्टर को मौका देने का मन बनाया है। शिक्षा का बाजारीकरण लोक कल्याण के हित में नहीं है, क्योंकि प्राइवेट स्कूलों की फीस चुकाना, आम जन की क्षमता से बाहर है। नई यूनियन टैरिटरी लेह को पहली बार केंद्रीय विश्व विद्यालय की सौगात मिल रही है।
डिजिटल जनगणना
2021 की जनगणना आजाद भारत की डिजिटल सेंसस होगी। आबादी की गणना का महापर्व हर दस साल में आयोजित किया जाता है और इस के लिए वित्त मंत्री ने 3768 करोड़ की राशि नियत की है।
सार्वजनिक संस्थान का होगा विनिवेश
कोरोना महामारी ने सरकार के रेवन्यू की धारा को बाधित किया है, लेकिन कई उद्योग कोरोना से पहले के उत्पादन स्तर पर आने से सरकार की जेब में डायरेक्ट टेक्स और जीएसटी जमा में फिर से बढ़ोतरी होनी शुरू हुई है। सरकार बाजार से 12 लाख करोड़ ऋण के रूप में जुटायेगी और 1.76 लाख करोड़ के सार्वजनिक संस्थान का विनिवेश किया जायेगा।
तीन साल से पहले के कर चोरी वालों को राहत
नोटबंदी के बाद सरकार ने दावा किया था कि काला धन पकड़ने के लिए कर चोरी करने वालों के पिछले छह सालों की आयकर विवरणी को फिर से खोला जा सकता है। अब सरकार ने पहले की तरह इस को पिछले तीन सालों तक सीमित कर दिया है। पचास लाख से अधिक का घपला करने वालों की रिर्टन फिर से खोलने के लिए आयकर के बड़े अधिकारी ही आदेश पारित कर सकेगें। आयकर विभाग को फेसलेस करनी की अपनी योजना के अनुरूप इलैक्ट्रानिक माध्यम से ही रिर्टन और अपील का निस्तारण किया जायेगा। ताकि आयकर अधिकारी सीधे आयकर दाता को परेशान न कर सकें। जरूरी होने पर वीडियो कांफ्रेसिंग का उपयोग किया जायेगा।
सोलर उपकरण पर बढ़ी कस्टम ड्यूटी
विदेश से आयात किए जाने वाले सोलर उपकरण पर कस्टम डयूटी बढ़ा दी गई है। स्कूल और हास्पीटल चलाने वाले ट्रस्ट की आय को 5 करोड़ तक कर मुक्त किया गया है। स्र्टाट अप और हाउजिंग लोन की आयकर छूट को 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
होटल व पर्यटन उद्योग को नहीं मिली राहत
सस्ते घर और किराये के घर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ऐसे हाउजिंग प्रोजेक्ट को विशेष छूट उपलब्ध करायेगी जो श्रमिकों के लिए किराये के घर बनाने के लिए आगे आयेंगे। सर्विस सेक्टर होटल, रेस्ट्रा और पर्यटन उद्योग को कोरोना के चलते भारी नुक्सान उठाना पड़ा है, लेकिन उन्हें बजट राहत नहीं मिल पायी है। संभवता कोरोना के चलते राजस्व घाटा झेलरही सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल मे पांच मिनी बजट पहले ही आ चुके हैं और इस सत्र को भी उसी कड़ी में देखा जाना चाहिए। यानि कि सरकार निरंतर विभिन्न उद्योगों को राहत देकर फिर से स्थापित कर रही है और यह सिलसिला धीरे धीरे बढ़ता रहेगा। जब देश की जीडीपी 7 प्रतिशत माइनेस में है और बजट घाटा 6.8 प्रतिशत रहने की घोषणा वित्तमंत्री सीता रमण ने की है तो कोरोना राहत की उम्मीद ना के बराबर ही है। अभी कुछ सालों तक देश की अर्थ व्यवस्था मंदी के दौर में रहेगी।
लेखक का परिचय
भूपत सिंह बिष्ट, स्वतंत्र पत्रकार
देहरादून, उत्तराखंड।
लेखक, बैंकिंग सेवा से सेवानिवृत्त हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।