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April 18, 2025

उत्तराखंड में अधिकारी, शिक्षक और कर्मियों की गेट मीटिंग जारी, 20 सितंबर से तेज होगा आंदोलन

उत्तराखंड में कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों की समस्याओं के लिए गठित साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का मांगों के समर्थन में जनजागरण अभियान जारी है।

उत्तराखंड में कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों की समस्याओं के लिए गठित साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का मांगों के समर्थन में जनजागरण अभियान जारी है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी दफ्तरों पर गेट मीटिंग और बैठकों का सिलसिला आज सातवें दिन भी जारी रहा। देहरादून में महिला सशक्तिकरण निदेशालय, कृषि निदेशालय एवं रेशम निदेशालय के कर्मचारियों की संयुक्त गेट मीटिंग का आयोजन किया गया।
समन्वय समिति के संयोजक मंडल के समस्त सदस्य महिला सशक्तिकरण निदेशालय में एकत्र हुए और इस दौरान प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही अपनी मांगों को दोहराया गया। महिला सशक्तिकरण एंव बाल विकास सुपरवाईजर एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेनू लांबा ने कहा कि एसोसिएशन लंबे समय से विभागीय पदोन्नतियां के संबंध में निदेशालय व शासन से पत्राचार कर रही है। इसके बावजूद कार्मिक विभाग एंव सीएम के अपर मुख्य सचिव के निर्देशों के बावजूद उनकी पदोन्नतियां नहीं की गई है।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग मिनिस्ट्रिीयल ऐशोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष सोहन सिहं रावत ने विभाग में तानाशाही का आरोप लगाया। कहा कि अधिकारियों के निरंकुश रवैये से कर्मचारियों का उत्पीड़न हो रहा है। अन्य वक्ताओं ने सरकार व शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से लम्बित समस्याओं का निराकरण न किये जाने के कारण प्रदेश के तमाम बडे परिसंघ एवं संघ समन्वय समिति के बैनर तले एकत्र होकर समान रूप से प्रभावित करने वाले प्रकरणों को मांगपत्र में शामिल कर चरणबद्ध रूप से आन्दोलन की घोषणा की है।

बताया कि गेट मीटिंग का कार्यक्रम 19 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद आंदोलन के दूसरे चरण में 20 सितंबर को प्रदेश के समस्त जनपदों में जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। 27 सितंबर को देहरादून राजधानी में सहस्त्रधारा रोड़ एकता बिहार स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। पांच अक्टूबर को देहरादून राजधानी में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली आयोजित की जायेगी। उसी दिन आगामी अनिश्चित कालीन आन्दोलन की घोषणा की करने की कार्मिकों की रणनीति है।
महिला सशक्तिकरण विभाग के उपरान्त संयोजक मंडल के सदस्यों ने कृषि निदेशालय एवं रेशम निदेशालय में भी जा कर दोनों विभागों के कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग की। साथ ही उन्हें शासन से हुई अब तक की वार्ताओं में हुई चर्चाओं की जानकारी दी।
आज की गेट मीटिंग में अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, शक्ति प्रसाद भट्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, चौधरी ओमवीर सिंह, दीप चन्द बुडलाकोटी, रेनू लांबा, दिशा बडोनी, मुकेश ध्यानी, जीएस कोश्यारी, किरनपाल सिंह, राकेश रावत, इत्यादि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
दोहराई गई ये मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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