शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की गढ़वाली कविता-अखबार
अखबार
घर म बैठिक अखबार थौ पढ़णु
सोची तभी ईका बारा मा
कतिक्या बढ़िया ग्यैल्या छ यूं
खबर देंदू दुनिया का बारा मा।
घर बैठिक पता भी चलणु छ
क्या क्या होणु देश -विदेश मा
नेता सी लिंक आम जनता तक
कतका भलाई चलणु संग मां।
कई डांक्टर इता बढ़िया छन
साक्षात भगवान का रूप म
कई डांक्टर इना भी छन
अगाड़ी क्या बोलणी छन।
कई नेता इना भी बढ़िया
जू नौ कमौंणा देश विदेश मा
कई नेता इना भी छन बल
अगाड़ी क्या बोलण कुछ ना।
क्वीई सैसरी इना भी छन
जु व्वारी तैं बेटी समझदान
क्वाई सैसरी इना भी छन
जू व्वारी तैं जलै देदांन।
क्वीई अमीर इना भी छन
जू गरीब तैं गला लगौंदान
क्वीई अमीर इना भी छन
जू लूट पर लूट मचौंदान।
कनू प्यारु अखबार छ यूं
जू देश विदेश की खबर ल्यूंदू
कखी कहानी,कखि कविता
चुटकला हंसणो का ल्यौंदू।
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।