गढ़वाली दुनिया की सबसे बहादुर और ईमानदार कौमौ से एक: धीरेंद्र प्रताप

उन्होंने कहा कि गढ़वालियों ने देश की सीमाओं पर और वर्ल्ड वार फर्स्ट और वर्ल्ड वॉर सेकंड में अपनी बहादुरी के सिक्का जमाया। वहीं, आजादी के बाद हुए युद्धों में और देश के नवनिर्माण में गढ़वालियों की शानदार और उल्लेखनीय भूमिका रही है। उन्होंने देश की आजादी में भी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली समेत तमाम गढ़वाली नायकों के लंबे संघर्ष को याद किया। कहा हमें फख्र है, हम गढ़वाली हैं। उन्होंने इस मौके पर गढ़वाली जौनसारी और कुमाऊनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग की। साथ ही वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा दिल्ली के नए संसद भवन में लगाए जाने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने इस मौके पर अपने गुरु और कांग्रेसी इतिहास के एकमात्र सेक्रेटरी जनरल स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा को याद किया और कहा उनके साथ इतिहास ने न्याय नहीं किया। नहीं तो वह निश्चित तौर पर भारत के प्रधानमंत्री बनने के काबिल नेता थे। उन्होंने कहा कि आज भी गढ़वालियों में एक से एक काबिल और प्रतिभाशाली लोग मौजूद हैं, जिन्हें अवसर यदि मिला तो वे देश के इतिहास में नया नाम कमाएंगे।
इस मौके पर केदार बद्री श्रम समिति रुद्रप्रयाग की ओर से नए वर्ष के प्रारंभिक कार्यक्रमों के रूप में गढ़वाल भवन में रामलीला मंचन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा भगवान राम में हमारा इतिहास छुपा है। जो नई मर्यादाओं को जन्म देता है और जिसकी शिक्षा समाज को आदर्श आचरण के लिए प्रेरित करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस समारोह में दिल्ली गढ़वाली जौनसारी कुमाऊनी अकादमी के उपाध्यक्ष कुलदीप भंडारी, गढ़वाल सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट, कांग्रेस के पूर्व संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, भाजपा नेता अनीता बिष्ट, सोशल एक्टिविस्ट कुशाल जीना, प्रेमा धोनी, सुनील नेगी, लोकदल नेता मनमोहन शाह, उद्योगपति बी एस नेगी, दिल्ली कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष मनीष सिंह आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर धीरेंद्र प्रताप, हरिपाल रावत, कुलदीप भंडारी समेत कई लोगों को मोमेंटो प्रदान कर और अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।