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November 10, 2025

जी 23 नेताओं का बयान, आगे बढ़ने को सामूहिक समावेशी नेतृत्व जरूरी, नहीं चाहते कांग्रेस के टुकड़े, हटाना होगा गांधी परिवार के वफादारों को

पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के 'असंतुष्ट धड़े' ने बुधवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के दिल्ली स्थित निवास पर बैठक की। इन नेताओं ने इस बैठक में 'सामूहिक और समावेशी नेतृत्व' की बात की।

पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के ‘असंतुष्ट धड़े’ ने बुधवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के दिल्ली स्थित निवास पर बैठक की। इन नेताओं ने इस बैठक में ‘सामूहिक और समावेशी नेतृत्व’ की बात की। बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में ज्यादात्तर कांग्रेस के ‘G-23’ ग्रुप के हिस्सा हैं। बैठक के बाद इन नेताओं के समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारा मानना ​​है कि आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सभी स्तर पर सामूहिक, समावेशी नेतृत्व को अपनाना है। सूत्रों के अनुसार “जी -23” नेताओं ने पार्टी को विभाजित करने से इनकार किया है। साथ ही गांधी परिवार से अपने वफादारों को प्रमुख पदों से हटाने का आह्वान किया है। तय किया गया कि गांधी परिवार से अपने वफादारों को प्रमुख पदों से हटाने का आह्वान करेंगे। इस बैठक के दौरान चर्चा की गई कि पार्टी “बहुत कमजोर” हो गई है और ये विभाजन से नहीं बचेगी। वहीं “जी -23” के नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। वह बैठक में चर्चा के मुद्दों और सुझावों को लेकर सोनिया गांधी तक पहुंचेंगे।
साथ ही कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी से लड़ने के लिए कांग्रेस को मजबूत करना जरूरी है। और कांग्रेस से मांग की गई है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक विश्वसनीय विकल्प तैयार करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत की जाए। बयान में कहा गया है कि यह बैठक हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों और कांग्रेस से नेताओं के जाने पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। बयान के आखिरी में लिखा गया है कि अगले कदम का ऐलान जल्द किया जाएगा।
बयान पर गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, पृथ्वीराज च्व्हाण, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अखिलेश प्रसाद सिंह, राज बब्बर, शंकर सिंह बघेला, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर, पीजे कुरियन, एमए खान, राजेंद्र कौर भट्टल, संदीप दीक्षित, कुलदीप शर्मा, विवेक तन्खा, प्रिनीत कौर का नाम लिखा हुआ है।
बता दें, इस समूह के प्रमुख सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस की चांदनी चौक जिला इकाई ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित करके पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया। सिब्बल चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।
कांग्रेस के भीतर बदलाव की मांग कर रहे इस समूह पर गांधी परिवार के नेताओं ने भी हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद भी जी 23 समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कमजोर नहीं कर सकता तथा पार्टी के सभी लोग उनके साथ हैं।
जी 23 के नेताओं की इस बैठक से तीन दिन पहले गत रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी जिसमें पार्टी नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया था और उनसे आग्रह किया था कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के इस समूह ने अपनी सक्रियता ऐसे समय बढ़ाई है जब पार्टी को हालिया विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई है। बैठक में G-23 के नेताओं ने चुनावों में पार्टी की हुई करारी हार पर गहरी चिंता जताई। साथ ही तय किया गया कि जल्दी ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई जाने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में शामिल होने वाले G23 गुट के नेता संगठन और नेतृत्व में बदलाव की मांग एक बार फिर उठाएंगे।
सोनिया गांधी से मिल सकते हैं गुलाम नबी आजाद
वहीं, गुलाम नबी आजाद गुरुवार को 10 जनपथ पर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी कल की बैठक में मौजूद रह सकते हैं। कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर जी-23 नेताओं के असंतोष के बीच गुलाम नबी आजाद की गांधी परिवार से मुलाकात काफी अहमियत रखती है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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