लॉकडाउन की अवधी में बंद रहा गंगोत्री, जब यात्रा खुली तो थमा दिया पानी का पिछला बिल
लॉकडाउन ने चारधाम यात्रा को भी प्रभावित किया। यात्रा शुरू होने के बावजूद अभी भी गिने चुने लोग ही चारधाम पहुंच रहे हैं। वहीं, जल संस्थान ने भारी भरकम बिल भेजकर गंगोत्री के व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों की चिंता बढ़ा दी है।
कोरोनाकाल में इस बार चारधामों में भी सन्नाटा छाया रहा। मार्च माह से ही पूरे देश भर के मंदिरों में ताले लग गए थे। जो अब अनलॉक के दौरान खुले। 26 अप्रैल को उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री धाम के कपाट भी खुले, लेकिन तब यात्रा प्रतिबंधित थी। ऐसे में धामों में सन्नाटा था। बाजार बंद थे। लोग गिनती भर के रह रहे थे।
अब अनलॉक में यात्रा शुरू तो हुई, लेकिन व्यवस्था ढर्रे पर नहीं आ सकी। ऐसे वक्त में जल संस्थान ने पानी के भारी भरकम बिल भेजकर स्थानीय लोगों, तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। उनका कहना है कि पांच से दस हजार तक के बिल लोगों को जल संस्थान की ओर से भेजे जा रहे हैं। गंगोत्री व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सेमवाल ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन से गुहार भी लगाई जा चुकी है।
श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री धाम के पूर्व अध्यक्ष पंडित संजीव सेमवाल का कहना है कि प्रशासन और सरकार से मांग की है कि गंगोत्री धाम में जब लॉकडाउन रहा। यात्रा ही नहीं चली तो पानी के बिल का बोझ क्यों डाला जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि पानी और बिजली के बिलों को माफ किया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।