आज से महंगाई की बड़ी मार, ये वस्तुएं हो गई हैं महंगी, इनमें मिली कुछ राहत
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें आज से और बढ़ गई हैं। कई चीजों पर आज से जीएसटी चुकाना होगा। इनमें घर-घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें शामिल हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया गया। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
आज से ये वस्तुएं हो गई हैं महंगी
हालांकि खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और पेंसिल शार्पनर, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था। सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिए जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था।
घरेलू इसेतेमाल की ये 10 चीजें हुई महंगी
दही, लस्सी और छाछ (5% जीएसटी)
पनीर (5% जीएसटी)
सभी तरह के गुड़ (5% जीएसटी)
खांडसारी शुगर (5% जीएसटी)
नेचुरल हनी (5% जीएसटी)
मुरमुरे, चूड़ा (5% जीएसटी)
छैना मुरकी (5% जीएसटी)
चावल, गेहूं, राई, जौ (5% जीएसटी)
आटा (5% जीएसटी)
टेंडर कोकोनट वॉटर (5% जीएसटी)
इनमें दी गई है राहत
रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यह रेट पहले 18 प्रतिशत था। इसी तरह बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक ही सीमित रहेगी। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।