कुंभ और पूर्णागिरी मेले में जाने के लिए उत्तराखंड की महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा, सवाल- कुंभ को किसने बना दिया महाकुंभ
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सूबे की मातृशक्ति को एक कुंभ और पूर्णागिरी मेले के लिए सौगात दी है। कुंभ के मुख्य पर्व दिवसों पर यहां महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। मातृशक्ति के सम्मान की दिशा में मुख्यमंत्री की ओर से ये बेहतर कदम का दावा किया गया है।
इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड की धर्मनगरी में कुंभ की धूम है। बड़ी तादाद में देश विदेश के श्रद्धालु यहां पुण्य लाभ के लिए पहुंच रहे हैं। संतों के अखाड़ों का वैभव यहां की रौनक बढ़ा रहे हैं। सरकार के बेहतर प्रबंधन में संचालित हो रहे इस भव्य आयोजन में गंगा मैया के जयकारों व मंत्रोच्चार से धर्मनगरी गुंजायमान हो रही है। कुंभ का विशेष महत्व होता है। इस दौरान यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालू स्नान के लिए पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर हरिद्वार आने वाली महिलाओं के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में आवाजाही की निशुल्क सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्णागिरी में आने वाली महिलाओं को भी बसों में आवाजाही की निशुल्क सेवा उपलब्ध रहेगी।
कुंभ को सरकार ने बना दिया महाकुंभ
ये जग जाहिर है कि छह साल में लगने वाला अर्धकुंभ और 12 साल में लगने वाला कुंभ होता है। यहां उत्तराखंड में कुंभ को ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि ये महाकुंभ है। अब महाकुंभ शब्द किसने इजाद किया ये तो पता नहीं, लेकिन सरकारी विज्ञप्तियों और अन्य प्रचार सामग्री में महाकुंभ शब्द का प्रयोग बखूबी किया जा रहा है। इसे मीडिया भी इसी तरह प्रचारित कर रहा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।