शिकार को गए युवकों में एक को लगी गोली, तीन ने जहर खाकर दे दी जान, एक लापता
उत्तराखंड के टिहरी जिले में शिकार करने के लिए जंगल गए दोस्तों में से एक को गोली लगी तो डर के चलते तीन युवकों ने भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि जंगल में सात युवक गए थे।

घटना टिहरी जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर भिलंगना स्थित राजस्व क्षेत्र कुंडी गांव की है। यहां के सात युवक आपस में दोस्त हैं। शनिवार को उन्होंने जंगल में शिकार करने की योजना बनाई। शाम करीब सात बजे वे शिकार की तलाश में गांव के नजदीक के जंगल में गए थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे। रात 10 बजे बाद परिजनों ने उनकी तलाश कुछ दूरी तक जंगल में भी की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
इस बीच, जंगल गए सात युवकों में से दो युवक राहुल (20) और सुमित (18) आधी रात के बाद करीब तीन बजे गांव लौट आए। इन युवकों ने गांव वालों को बताया कि वह सभी खवाड़ा गांव निवासी रज्जी के साथ शिकार करने निकले थे। पहले वह रज्जी की छानी (गौशाला) में गए। रज्जी ने वहां बंदूक रखी हुई थी। यहां से वह शिकार की तलाश में आगे बढ़े, रात करीब आठ बजे रास्ते में राज्जी अचानक फिसल कर गिर गया। इसी दरम्यान बंदूक से फायर हो गया, जो संतोष को लगा। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे वह डर गए। इसके बाद वे सभी संतोष का शव लेकर दो किलोमीटर दून रज्जी की छानी में आए। छानी से लगा उसका सेब का बागीचा भी है।
राहुल और सुमित ने बताया कि इसके बाद रज्जी छानी में अनाज सुरक्षित रखने के लिए रखा कीटनाशक लेकर आया। उन दोनों को कम उम्र और घर के इकलौते होने का हवाला देकर उसने गांव वापस भेज दिया और कहा कि इसके बाद वह चारों जहर खाकर जान दे देंगे। युवकों की बात सुनकर रात में ही गांव के लोग जंगल की तरफ बढ़े। उन्हें छानी के बाहर संतोष मृत मिला, उसके शरीर पर गोली के निशान थे। कुछ ही दूरी पर पंकज सिंह (23) और अर्जुन पंवार (23) के शव पड़े मिले। उनके मुंह से झाग निकला हुआ था। पास में सोबन सिंह (24) बेहोश पड़ा था, जबकि रज्जी का कुछ पता नहीं चला।
घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर राजस्व पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों की मदद से बेहोश संतोष को निकटवर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर पहुंचाया गया, जहां रविवार चार अप्रैल की सुबह पांच बजे उसने भी दम तोड़ दिया। उसके मुंह से भी झाग निकल रहा था। तीनों की मौत जहरीले पदार्थ के सेवन से होना बताया जा रहा है। सातवें युवक रज्जी की खोजबीन की जा रही है। उसकी बंदूक भी नहीं मिली।
एसडीएम फिंचाराम चौहान ने बताया कि बंदूक का लाइसेंस न होना सामने आया है। अगर किसी पक्ष की तहरीर नहीं आती है तो प्रशासन खुद रज्जी के खिलाफ अवैध हथियार के इस्तेमाल और हत्या का मुकदमा दर्ज करेगा। उन्होंने बताया कि गांव लौटे युवकों की बताई कहानी के अलावा कुछ और पहलुओं से भी मामले की जांच कराई जा रही है। फिलहाल रंजिश या कोई विवाद जैसी कोई बात सामने नहीं आई है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
गोली लगना व जहर की बात किसी साजिश की ओर इसारा है