साल 2025 में लगेंगे चार ग्रहण, पहले चंद्र ग्रहण से ये राशियां होंगी प्रभावित, जानिए चारों ग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण एक खगोलीय घटना है। वहीं, ज्योतिष की नजर में इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक नजर से देखा जाए तो सूर्य और चंद्र ग्रहण राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों के डसने से लगते हैं। अगले साल की बात करें तो 2025 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लग रहे हैं। नए साल 2025 शुरू होने में कुछ दिन है। नए साल के साथ व्रत, त्योहार, पर्व का सिलसिला शुरू होगा। नए साल में सबसे पहले चंद्र ग्रहण लगेगा। यह हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है। उसके बाद सूर्य ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को लगता है। नए साल में 2 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्रहण लगने का कारण
ग्रहण खगोलीय घटना होती है। सूर्य ग्रहण की बात करें तो इस वक्त चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच में आ जाता है और धरती तक सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है। वहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान धरती, चंद्रमा और सूर्य दोनों ही एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। इस समय चंद्रमा चूंकि धरती की छाया में आ जाता है, इसलिए उसकी केवल छाया दिखती है और लोग चंद्रमा को देख नहीं पाते हैं। इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धार्मिक तर्क
दूसरी तरफ शास्त्रों में कहा गया है कि राहु और केतु वो छाया ग्रह हैं, जो समुद्र मंथन से निकले अमृत को पीकर अमर तो हो गए। वो हमेशा सूर्य और चंद्रमा से द्वेष रखते हैं। वो समय समय पर सूर्य़ और चंद्रमा को डसते हैं, जिससे सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2025 के पहले चंद्र ग्रहण की तिथि
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगने जा रहा है। 14 मार्च यानी शुक्रवार के दिन पहला चंद्र ग्रहण लगेगा, जिसकी अवधि छह घंटे से ज्यादा होगी। चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और दोपहर को 3 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। पूरे चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे 3 मिनट होगी। ये एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस चंद्र ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए इस दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा। अगर ग्रहण भारत में दिखता है तो ग्रहण से नौ घंटे पहले ही सूतक काल मान्य हो जाता है और सूतक काल लगने पर कई तरह के कामकाज रोकने पड़ जाते हैं।
इन देशों में दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण
साल के पहले चंद्र ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, अफ्रीका के कुछ हिस्सों, एशिया के कुछ हिस्सों और दक्षिणी उत्तरी ध्रुव में देखा जा सकेगा। भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सिंह राशि पर पड़ेगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव
चंद्र ग्रहण का असर सिंह राशि पर मानसिक तनाव और पारिवारिक तनाव के रूप में हो सकता है। ऑफिस में विरोधी सक्रिय हो सकते हैं। परिवार में मनमुटाव हो सकता है। इस दौरान, भगवान शिव की पूजा और ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से शांति मिल सकती है।
मकर राशि
मकर राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण उनके अष्टम भाव में पड़ेगा, जो स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के लिए शुभ नहीं माना जाता। इस दौरान सेहत में गिरावट आ सकती है, और मानसिक अशांति बढ़ सकती है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप इस ग्रहण के दौरान राहत दे सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण षष्ठम भाव में प्रभाव डालता है, जिससे जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं। शादीशुदा जीवन में परेशानियां हो सकती हैं, और घर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मीन राशि वाले जातक सफेद वस्तुओं जैसे दूध, चावल या चीनी का दान करके इस ग्रहण के प्रभाव को कम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्रहण के दौरान किया जाता है ऐसा
शास्त्रों में यह निर्देश दिया गया है कि ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक कार्यों को रोक दिया जाता है। लोग चंद्र ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों का स्पर्श नहीं करते और मंदिरों में दर्शन से बचते हैं। इसके अतिरिक्त, ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए पूजा-अर्चना और मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व है।
नोटः यह लेख सामान्य मान्यताओं और पंचांग व ज्योतिष शास्त्र की जानकारियों पर आधारित है। लोकसाक्ष्य इसकी पुष्टि नहीं करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नए साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 2025
नववर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर दिन रविवार की रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा है। इस ग्रहण का समापन देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 28 मिनट 2 सेकण्ड की है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर में 12 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगा। यह चद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इसे यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पश्चिमी उत्तरी अमेरिका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी व उत्तरी ध्रुव में देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नए साल 2025 में पहला सूर्य ग्रहण
नए साल में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर लगेगा। इस आंशिक सूर्य ग्रहण का समापन शाम को 6 बजकर 13 मिनट पर होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। पहला सूर्य ग्रहण भी भारत में दृश्य नहीं होगा। इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसे यूरोप, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव में देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नए साल 2025 में दूसरा सूर्य ग्रहण
साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को रात 10 बजकर 59 मिनट पर लगेगा। उस दिन आश्विन अमावस्या होगी। यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस सूर्य ग्रहण का समापन अगले दिन 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण अमेरिका, समोआ, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, अटलांटिक महासागर क्षेत्र में देखा जा सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।