पूर्व विधायक राजकुमार का आरोप, हार से डर से बीजेपी ने चली घटिया चाल, फिर भी जीतेगी कांग्रेस
उत्तराखंड में 100 स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान एक दिन पहले 23 जनवरी को संपन्न हो गया। हर बार की तरह इस बार भी ऐसे बहुत लोग थे, जिनके नाम मतदाता सूची से बाहर हो गए। इसे लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने राज्य में बीजेपी सरकार पर कड़ा हमला बोला है। देहरादून में राजपुर विधानसभा से पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता राजकुमार ने कहा कि इस बार बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में घटिया चाल चली है। राजकुमार तीन बार नगर निगम में लगातार चुनाव जीतते हुए पार्षद रहे। साथ ही उनके बाद भी उनके वार्ड में कोई दूसरे दल का नेता कब्जा नहीं कर पाया। इसके बाद वह राजपुर विधानसभा से विधायक भी रहे। यानि कि राजकुमार कांग्रेस में एक भारी भरकम नेता है। जो बार बार विरोधियों को छकाते रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजकुमार ने कहा कि इस बार स्थानीय निकाय चुनााव में चुनाव आयोग की व्यवस्थाएं लचर थीं। पूरे राज्य में मतदान की व्यवस्था अव्यवस्थाओं से भरी रहीं। सत्ताधारी पार्टी ने बड़ी संख्या में लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब कर दिए। इसके बावजूद प्रदेश में कांग्रेस की लहर है। सच तो यही है कि इस बार ज्यादा संख्या में कांग्रेस के प्रत्याशी ही स्थानीय निकाय चुनाव में जीतेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यदि बात देहरादून की की जाए तो निवर्तमान मेयर सुनिल उनियाल गामा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। इसलिए उन्हें बीजेपी ने इस पर टिकट नहीं दिया। वहीं, पिछले 15 साल से देहरादून नगर निगम में बीजेपी के मेयर रहे। इनका कोई ऐसा काम नहीं रहा कि वे उसे अपनी उपलब्धियों के रूप में उसे गिना सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इस बार राज्य निर्वाचन आयोग की चुनाव की तैयारियों बहुत ही लचर थीं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम ही उस मतदाता सूची से हटा दिया, जहां से वह पहले मतदान करते रहे हैं। उनका नाम दूसरे क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज कर दिया गया। इससे साफ है कि बीजेपी ने हार के डर से ऐसा षड्यंत्र रचा है। ऐसे में प्रदेश के पूर्व सीएम एवं बड़े नेता मतदान से वंचित रह गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता राजकुमार ने कहा कि जब राज्य में बैलेट से चुनाव होने थे तो राज्य निर्वाचन आयोग को पहले ही मतदान केंद्रों व बूथों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी। इससे बूथों पर भीड़ कम होती और अधिक से अधिक मतदाता वोट दे पाते। अनेक बूथों पर घंटों इंतजार करने के बाद बड़ी संख्या में लोग थक कर बिना मतदान के वापस चले गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भारी संख्या में लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। इस पर बीजेपी भले ही खुश हो रही है। वहीं, इसका परिणाम ये निकला कि लोग सरकार के इस खेल को जान गए और जो वोट बीजेपी को पड़ना था, असंतुष्ट लोगों ने कांग्रेस को सपोर्ट किया। ऐसी कांग्रेस के बूथ स्तर कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट दी है। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड से बीजेपी का पत्ता साफ होने जा रहा है। साथ ही राजकुमार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि मतगणना के दिन मुस्तैद रहें। ताकि बीजेपी कोई दूसरी चाल ना चल सके।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।